मध्य प्रदेश के सागर में पिछले रविवार को एक जैन मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ की। आरोप हिन्दुत्ववादी संगठन पर है। घटना के बाद से ही सागर में तनाव बना हुआ है। लेकिन जब से मंदिर में तोड़फोड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, उसके बाद घटना ने तूल पकड़ा।
घटना का एक सीसीटीवी फुटेज सोमवार, 6 जनवरी को सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें समूह को "जय श्री राम" के नारे लगाते हुए, मंदिर पर आक्रामक रूप से पथराव करते हुए, उसकी खिड़कियों के शीशे तोड़ते हुए और उसके अंदरूनी हिस्सों को नुकसान पहुंचाते हुए दिखाया गया है।
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना तब हुई जब इलाके में हिंदू समुदाय के सदस्यों ने जैन समुदाय के युवाओं पर 4 जनवरी को हिंदू मंदिरों को अपवित्र करने और मूर्तियों को नष्ट करने का आरोप लगाया था। उनका आरोप है कि करीब 30 जैन युवक मुंह ढके कुलदेव मंदिर में घुसे और मंदिर को नुकसान पहुंचाया। कहा जा रहा है कि जैन मंदिर की जमीन को लेकर यह विवाद है। इस जमीन पर दूसरे समुदाय यानी हिन्दुओं का अवैध कब्जा है। जिसे रविवार को खाली कराया जा रहा था। लेकिन इसे हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़ का रूप दिया गया। इस जमीन को बेशकीमती बताया जाता है, जिस पर कतिपय तत्वों की नजर है।
'प्रतिक्रिया में की कार्रवाई'
हिन्दू संगठनों ने इस तोड़फोड़ को जायज ठहराते हुए इसे क्रिया की प्रतिक्रिया बताया। कथित हिन्दू मंदिर की क्षति के बाद, बड़ी संख्या में हिंदू भीड़ कोतवाली पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हो गई। दक्षिणपंथी संगठनों ने प्रदर्शन किया और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की। जैन मंदिर में तोड़फोड़ जैसी हरकत को उचित ठहराते हुए भीड़ ने दावा किया कि वे कथित उकसावे की प्रतिक्रिया में कार्रवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जैन समाज ने उन्हें उकसाया है।एडिशनल एसपी लोकेश सिन्हा ने बताया कि घटना के दौरान घायल हुए जैन समाज के बाबू जैद्या की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
सागर के जैन समाज ने कहा कि वो पुलिस से भरोसा मिलने के बाद शांत हैं। पुलिस ने हमें भरोसा दिया है कि आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि सागर में इस घटना के बाद तनाव बना हुआ है। मध्य प्रदेश में जैन समुदाय की आबादी साढ़े पांच लाख से ऊपर है।