यूपी की लखीमपुर खीरी पुलिस फिर चर्चा में है। इससे पहले जब यहां किसानों के धरने पर जीप चढ़ाकर उन्हें मार डाला गया था तो उस समय भी लखीमपुर खीरी पुलिस का नाम चर्चा में रहा था। सुप्रीम कोर्ट तक से उसे फटकार पड़ी। अब पुलिस हिरासत में हुई मौत का मामला सामने आया है। जिसे लेकर ग्रामीणों से पुलिस अफसरों के बात करने का अंदाजा खासा आपत्तिजनक है।
घटना लखीमपुर खीरी के निघासन थाना क्षेत्र का है। हुलासी पुरवा गांव के रहने वाले रामचंद्र मौर्य घर में जलाने के लिए लकड़ी लेने जंगल गये थे। तभी वहां पुलिस पहुंच गई और शराब बनाने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इन्हें शराब तस्कर फौरन ही करार दे दिया।
पुलिस का कहना है कि रामचंद्र हमारी हिरासत से भागने लगा। उसकी सांस फूल गई। तभी उसे हार्ट अटैक आया।जिसके चलते आरोपी को पुलिस ने सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) पर भर्ती करा दिया औऱ बाकी तीन आरोपियों को लेकर थाने आ गई। लेकिन सीएचसी में ही आरोपी रामचंद्र मौर्य की मौत हो गई।
घर वालों को सूचना मिली तो उन्होंने सीएचसी पर जाकर प्रदर्शन किया। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर एक्शन की मांग की। हंगामा ज़्यादा बढ़ने पर पुलिसकर्मियों ने लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। जिसके बाद गुस्साए घरवालों ने अंतिम संस्कार के लिए मना कर दिया। हंगामा ज़्यादा बढ़ा तो सीओ पीपी सिंह भी आरोपी के घर पहुंचे और प्रदर्शन करने वालों को धमकाना शुरू कर दिया। गहमागहमी के माहौल के बीच उन्होंने साफ-साफ कहा कि न पुलिसवालों पर कोई एक्शन होगा और न ही मुआवज़ा मिलेगा। चाहे शव को 3 दिन रखो या 4 दिन।
घर वालों का कहना है कि रामचंद्र जंगल में लकड़ी लेने गये थे, क्योंकि घर में चूल्हा जलाने के लिए कुछ नहीं था। यह इस गांव में सामान्य सी बात है। हर घर से लोग जंगल में लकड़ियां लेने जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ऐसे लोगों को पकड़कर वसूली करती है। इसी का शिकार रामचंद्र मौर्य भी हुए। लेकिन पुलिस सारे मामले को रफादफा करना चाहती है और उल्टा शराब बनाने का आरोप लगा रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या रामचंद्र को किसी शराब भठ्ठी से पकड़ा गया या वहां कोई शराब भठ्ठी बरामद हुई।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर एक्स पर संक्षिप्त टिप्पणी की। उन्होंने लिखा- भाजपा ह्रदयहीन पार्टी है।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर काफी तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। लोगों ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी ललकारा है कि मौर्य समाज के युवक की मौत हो गई और वो खामोश हैं। इसी तरह तमाम लोगों ने यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए पुलिस पर हालात को बिगाड़ने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर पुलिस अधिकारी की धमकी का वीडियो वायरल हो चुका है।
2021 में लखीमपुर खीरी में दिल दहलाने वाली घटना हुई। देश में चल रहे किसान आंदोलन के तहत किसान यहां भी प्रदर्शन कर रहे थे। उसी दौरान वहां एक जीप तेजी से आई और उसने धरने पर शांतिपूर्वक बैठे किसानों को कुचल दिया। इसके बाद वहां जमकर हिंसा हुई। दोनों घटनाओं में 8 लोगों की मौत हुई थी। इनमें चार किसान, एक पत्रकार और तीन अन्य लोग थे। जिन्हें बाद में भाजपा कार्यकर्ता बताया गया। इस घटना में भाजपा सांसद अजय मिश्रा टेनी के बेटे का नाम आया था। भाजपा ने अजय मिश्रा को 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर से टिकट से नवाजा था। इस पूरी घटना में लखीमपुर खीरी पुलिस की भूमिका काफी विवादित रही थी।