पश्चिम बंगाल में बीजेपी को झटका लगा है। उसका प्रदर्शन पिछले चुनाव से काफी ख़राब होता दिख रहा है जबकि टीएमसी अधिकतर सीटें जीतती दिख रही है।
महीनों तक चले तूफानी प्रचार अभियान के बाद ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस को बड़ी जीत मिलने की उम्मीद है। शाम पाँच बजे तक वह 29 सीटों पर आगे थी, जबकि बीजेपी सिर्फ़ 12 पर। कांग्रेस एक सीट पर आगे चल रही थी। टीएमसी की महुआ मोइत्रा कृष्णानगर, आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा और वर्धमान-दुर्गापुर से कीर्ति आज़ाद ने जीत दर्ज की है।
पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान पहले पीछे चल रहे थे, लेकिन फिर उन्होंने बढ़त बना ली। कांग्रेस के अधीर चौधरी पीछे चल रहे हैं। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी डायमंड हार्बर से 3.14 लाख से अधिक के अंतर से आगे चल रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में राज्य से 42 सांसदों के चुनाव के लिए 7 चरणों में मतदान हुआ, जिसका 7वां चरण 1 जून को था। इस वजह से ममता ने इंडिया गठबंधन की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, सीपीआई-एम, सीपीआई, डीएमके, जेएमएम, आप, आरजेडी, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार) के वरिष्ठ नेताओं ने 1 जून की दोपहर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक की, जबकि टीएमसी और पीडीपी ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया था।
बता दें कि 2019 में 42 में से तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटें जीती थीं और भाजपा 18 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम द्वारा समर्थित कांग्रेस 2 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी।
इस बार ममता बनर्जी राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन बंगाल में उनकी पार्टी सभी 42 सीटों पर गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस और सीपीएम एक साथ चुनाव लड़ रही हैं।