ईडी ने मनी लॉउंड्रिंग मामले में टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की रिश्तेदार मेनका गंभीर को नोटिस जारी किया। नोटिस पर तलब किए जाने का समय अजीबोगरीब था। 12 सितंबर को 12.30 एएम यानी आधी रात के तुरंत बाद का। अब मेनका गंभीर की ओर से बयान में कहा गया है कि नोटिस पर जब वह आधी रात को कोलकाता में ईडी के दफ़्तर के बाहर पहुँचीं तो वहाँ दफ्तर बंद मिला।
तो सवाल है कि क्या ईडी का कार्यालय नोटिस देकर पूछताछ करना भूल गया या फिर नोटिस पर ग़लत समय दर्ज कर लिया गया? इस सवाल का जवाब तो नहीं दिया गया है, लेकिन अब मेनका गंभीर आज दिन में दोपहर साढ़े बारह बजे ईडी कार्यालय में पेश हुईं।
दरअसल, ईडी ने नोटिस पर जो समय लिखा था वह ग़लती से दिन की बजाए रात का समय टाइप हो गया था। नोटिस पर 12.30 पीएम यानी दोपहर साढ़े बारह बजे लिखा जाना था लेकिन ग़लती से लिख दिया गया था 12.30 एएम।
इसी ग़लती की वजह से मेनका अपने वकील सोमेन मोहंती के साथ निर्धारित समय पर रात साढ़े बारह बजे कोलकाता में ईडी कार्यालय पहुँच गईं। आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार मेनका की तरफ़ से कहा गया है कि वहाँ केंद्रीय एजेंसी का कोई अधिकारी नहीं था, वे वहाँ क़रीब 10 मिनट तक इंतज़ार करते रहे और उसके बाद वे वहाँ से चले गए।
रिपोर्ट में ईडी के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ईडी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि ग़लती से वह समय नोटिस पर दर्ज कर दिया गया था।
ईडी की आपत्ति के बाद मेनका बनर्जी को शनिवार रात विदेश यात्रा करने से रोक दिया गया। बैंकाक की उड़ान में सवार होने से पहले टिकट और पासपोर्ट जमा करने के तुरंत बाद इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने उन्हें रोका।
उसने ईडी से जारी एक नोटिस का ईमेल प्रिंटआउट एक सहायक दस्तावेज के रूप में पेश किया। बाद में उन्हें एक विशेष मामले में पूछताछ के लिए कोलकाता में ईडी कार्यालय में पेश होने के लिए बुलाया गया था।
कोयला तस्करी घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर अभिषेक बनर्जी, उनकी पत्नी रुजीरा बनर्जी और मेनका से केंद्रीय जाँच एजेंसियों ने पहले भी पूछताछ की थी। ईडी द्वारा उनको नोटिस दिए जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले महीने कहा था कि बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों को हमारे ख़िलाफ़ इस्तेमाल कर रही है।
ममता ने कहा था, 'आपने हमारे ख़िलाफ़ ईडी को क्यों छोड़ दिया है। इस एक मामले के जवाब में हम कई मुद्दे उठाएँगे। हम जानते हैं कि जवाब किस तरह देना है। हम गुजरात का इतिहास जानते हैं।'
मुख्यमंत्री ने कहा था, 'कोयला घोटाले के मामले में टीएमसी पर उंगली उठाने का कोई फ़ायदा नहीं है। उन बीजेपी नेताओं के बारे में क्या कहेंगे जिन्होंने बंगाल के आसनसोल इलाक़े की कोयले की बेल्ट को लूट लिया।'