पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनाव आयोग ने दूसरा नोटिस भेज दिया है। यह नोटिस उन्हें केंद्रीय सुरक्षा बलों पर उनकी टिप्पणी के लिए भेजा गया है। पहला नोटिस उन्हें उनके अल्पसंख्यक वोट न बंटने देने वाले बयान के लिए 7 अप्रैल को भेजा गया था। ममता से 48 घंटे के अंदर नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया था।
ताज़ा नोटिस में चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी से कहा है कि वे केंद्रीय बलों के बारे में दिए गए बयान को लेकर स्पष्टीकरण दें। ममता ने 28 मार्च और 7 अप्रैल को ये बयान दिए थे। मुख्यमंत्री से कहा गया है कि वे 10 अप्रैल तक इसका जवाब दें।
चुनाव आयोग ने कहा है कि ममता ने 28 मार्च को कहा था, “आपने केंद्रीय पुलिस को इतनी ताक़त क्यों दी हुई है कि वे महिलाओं को वोट नहीं डालने दे रहे हैं और उन्हें धमका रहे हैं। मैंने ऐसा ही 2019 और 2016 में भी होते हुए देखा था।”
हालांकि ममता ने यह भी कहा था कि, “वह केंद्रीय बलों का सम्मान करती हैं लेकिन वे दिल्ली के निर्देश पर काम कर रहे हैं। वे लोग मतदान से एक दिन पहले गांवों में लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं और केंद्रीय बलों में शामिल कुछ जवान तो महिलाओं का उत्पीड़न भी कर रहे हैं। वे लोगों से बीजेपी को वोट देने के लिए कह रहे हैं।”
आयोग ने कहा है कि ममता बनर्जी का बयान झूठा और भड़काऊ है और यह केंद्रीय बलों को अपमानित करने वाला है।
बंगाल चुनाव पर देखिए चर्चा-
पहला नोटिस मिलने के बाद ममता बनर्जी ने गुरूवार को कहा था कि चुनाव आयोग उन्हें 10 नोटिस भेज दे लेकिन वह उनके रवैये को नहीं बदल सकता। ममता ने पूछा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कोई शिकायत क्यों नहीं दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि मोदी अपने भाषणों के दौरान कई बार हिंदू मुसलिम की बात करते हैं।
ममता बनर्जी ने बीते शनिवार को तारकेश्वर इलाक़े की एक चुनावी जनसभा में अल्पसंख्यकों से अपील की थी कि वे अपना वोट नहीं बंटने दें। बनर्जी ने हिंदुओं से भी अपील की थी कि वे भी अपना वोट हिंदू-मुसलिम के आधार पर न दें और बीजेपी के बिछाए जाल में न फंसें।
इसके बाद कूच बेहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था, “दीदी, वैसे तो आप चुनाव आयोग को गालियां देती हैं, लेकिन हमने यह कहा होता कि सारे हिंदू एकजुट हो जाओ, बीजेपी को वोट दो, तो हमें चुनाव आयोग के 8-10 नोटिस मिल गए होते।”
ममता बनर्जी के बार-बार चुनाव आयोग को लेकर शिकायत करने पर मोदी ने कहा था, “दीदी, जिस चुनाव आयोग ने चुनाव कराकर आपको दो बार मुख्यमंत्री बनाया, आज आपको उस चुनाव आयोग से ही दिक्कत होने लग गई और ये दिखाता है कि आप चुनाव हार चुकी हैं।”
शुभेंदु अधिकारी को नोटिस
ममता के पुराने साथी और नंदीग्राम में उनके ख़िलाफ़ बीजेपी की टिकट पर ताल ठोक रहे शुभेंदु अधिकारी को भी उनके सांप्रदायिक बयानों के लिए चुनाव आयोग ने गुरूवार शाम को नोटिस जारी किया है। आयोग ने कहा है कि उसे सीपीआई (एमएल) की नेता कविता कृष्णन की शिकायत मिली है जिसमें उन्होंने अधिकारी पर 29 मार्च को नंदीग्राम में हेट स्पीच देने का आरोप लगाया है। उन्होंने अधिकारी द्वारा ममता को बेगम कहे जाने और इस इलाक़े को मिनी पाकिस्तान बनाने की बात कहे जाने का आरोप लगाया था। अधिकारी से 24 घंटे के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।