जाने-माने पर्यावरणविद और चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदर लाल बहुगुणा का शुक्रवार को निधन हो गया। 94 साल के बहुगुणा बीते कुछ दिनों से एम्स ऋषिकेश में भर्ती थे और कोरोना से संक्रमित थे। बहुगुणा के निधन पर पर्यावरण प्रेमियों सहित राजनीतिक जगह से जुड़े लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
सुंदरलाल बहुगुणा को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सुंदरलाल बहुगुणा के बेटे राजीव नयन बहुगुणा वरिष्ठ पत्रकार हैं।
सुंदरलाल बहुगुणा ने 1970 के दशक में उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन शुरू किया था। इसमें ग्रामीण पेड़ों को काटने का विरोध करते हुए इनसे चिपक जाते थे। बहुगुणा ने टिहरी डैम बनाने का भी विरोध किया था और इसके चलते उन्हें 1995 में जेल भी भेजा गया था।