यूपी: पुलिस ने रुकवा दी मुसलिम जोड़े की शादी, रात भर थाने में रखा

11:39 am Dec 11, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

उत्तर प्रदेश की सरकार ने शायद इन दिनों अपनी पुलिस को अंतर-धार्मिक शादियां रुकवाने का काम दिया हुआ है। हत्या, बलात्कार, लूटपाट की ताबड़तोड़ वारदातों से सहमे उत्तर प्रदेश में पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहां पर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच शादियां हो रही हैं। 

बीते कई दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं और अब जो ताज़ा मामला कुशीनगर से आया है, उससे पता चलता है कि पुलिस अंधी होकर काम कर रही है। मतलब किसी सूचना को बगैर वैरिफ़ाई किए सरकार का हुक्म तामील करवाने के लिए धावा बोल देना और कमजोर लोगों को टॉर्चर करना। 

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, मंगलवार को कुशीनगर में हो रही एक शादी को पुलिस ने रुकवा दिया। पुलिस को फ़ोन पर सूचना मिली कि एक मुसलिम लड़के की शादी हिंदू लड़की से हो रही है और उसका धर्म परिवर्तन कराया गया है। लेकिन अगले दिन पता चला कि लड़का और लड़की दोनों मुसलिम हैं। 

लड़के का नाम हैदर अली है। 39 साल के हैदर ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने कास्या पुलिस स्टेशन में रात भर उसे चमड़े की बेल्ट से पीटा। 

हिंदू युवा वाहिनी ने की पूछताछ

हैदर अली ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पुलिस ने कुछ नहीं सुना और हमें अपने साथ ले गई। पुलिस ने मौलवी को थाने से तब छोड़ा जब उसने यह बयान दिया कि अभी निकाह नहीं हुआ है। स्थानीय शख़्स और शादी कराने वाले अरमान ख़ान ने दावा किया कि पुलिस के वहां पहुंचने से पहले हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता मौक़े पर पहुंचे थे और उन्होंने लड़की और लड़के से पूछताछ की थी। 

रात भर बरामदे में रखा

हैदर अली ने कहा कि पुलिस स्टेशन में शबीला खातून को दूसरे कमरे में भेज दिया गया और एक पुलिस वाले ने दूसरे से उसकी चमड़ी उधाड़ने को कहा। हैदर के मुताबिक़, ‘शबीला डर गई थी। इसके बाद मैंने पुलिस को शबीला के भाई का नंबर दिया। शबीला के परिवार ने पुलिस को बताया कि लड़की मुसलिम ही है और उन्हें आधार कार्ड की फ़ोटो भेजी और वीडियो कॉल भी की।’ इसके बाद भी पुलिसवालों ने हम लोगों को जाने नहीं दिया और लड़की के भाई के आने का इंतजार किया। हैदर ने कहा कि रात भर उसे ठंड में बरामदे में रखा गया। 

पुलिस इतने पर भी मानने को तैयार नहीं हुई जबकि शबीला ने ख़ुद कई बार कहा कि वह मुसलिम है और अपनी मर्जी से शादी कर रही है। आज़मगढ़ में रहने वाला लड़की का भाई पुलिस स्टेशन पहुंचा और पुलिस से कहा कि अगर उसकी बहन हैदर से शादी करना चाहती है तो उनके परिवार को कोई एतराज नहीं है। इसके बाद बुधवार को दोनों की शादी हुई। 

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रफा-दफा किया मामला

अब पुलिस को सूझ नहीं रहा है कि वह क्या जवाब दे। कास्या पुलिस स्टेशन के एसएचओ संजय कुमार ने इसके लिए ऐसे शरारती तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है जो लव जिहाद को लेकर अफ़वाह फैला रहे हैं। मामले का पता लगने पर कई स्थानीय लोग भी थाने पहुंचे और बुरी तरह किरकिरी होने के बाद पुलिस को मामले को रफा-दफा करना पड़ा। 

हैदर को जिस तरह रात भर पीटा गया है, उससे पता चलता है कि पुलिस पर इस तरह के मामलों में बर्बरता करने के लिए कितना जबरदस्त ऊपरी दबाव है क्योंकि राज्य के मुखिया सभाओं में कह रहे हैं कि लव जिहाद करने वालों की ‘राम नाम सत्य है’ की यात्रा निकाल दी जाएगी।

हैदर और शबीला एक-दूसरे को काफी वक़्त से जानते थे और एक हफ़्ता पहले शबीला अपने घर से भागकर हैदर के पास आ गई थी। यहां हैरानी की और अफ़सोस की बात यह है कि पुलिस महकमे में ऐसे ‘समझदार’ अफ़सर बैठे हुए हैं जो लव जिहाद को लेकर सिर्फ़ एक फ़ोन कॉल पर किसी को भी रात भर टॉर्चर कर सकते हैं। 

पुलिस का कहना है कि इस तरह की सूचना ग़लत हो सकती है लेकिन यह कोई अपराधिक मामला नहीं है। मतलब बिना किसी कुसूर के रात भर दो लोगों को टॉर्चर करना यूपी पुलिस के लिए कोई बड़ी बात नहीं है।

इस तरह के कामों में आड़ ली जा रही है हाल ही में योगी सरकार द्वारा बनाए गए 'उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2020' की।

मुरादाबाद का मामला 

कुछ दिन पहले ही दक्षिणपंथी संगठन बजरंग दल ने मुरादाबाद में अंतर-धार्मिक शादी करने वाले जोड़े को धमकाया था। पुलिस ने मुसलिम युवक को इसलिए गिरफ़्तार कर लिया था क्योंकि उसकी शादी एक हिंदू लड़की से हो चुकी थी। युवक के भाई को भी गिरफ़्तार किया गया था। जबकि लड़की ने बजरंग दल के लोगों से कई बार कहा कि उसकी शादी को 5 महीने हो चुके हैं और उसने अपनी मर्जी से शादी की है। 

लखनऊ में रुकवाई शादी 

इससे कुछ दिन पहले पुलिस ने लखनऊ में बीच में ही एक अंतर-धार्मिक शादी को रुकवा दिया था, उसमें पुलिस दोनों पक्षों को पुलिस स्टेशन ले गई थी। पुलिस ने कहा था कि वे लखनऊ के डीएम द्वारा दी गई अनुमति को दिखाएं। क्योंकि योगी सरकार के नए क़ानून में कहा गया है कि ऐसी शादी के बाद धर्मांतरण के लिए दो महीने पहले डीएम को जानकारी देनी होगी।