केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने उत्तर प्रदेश सरकार के एक ऐसे जूनियर इंजीनियर को गिरफ़्तार किया है, जिस पर 10 साल में 50 नाबालिगों के यौन उत्पीड़न का आरोप है। इसके अलावा इन बच्चों के यौन शोषण से जुड़ी तसवीरें और वीडियो लेने, बनाने, शेयर करने और बेचने के आरोप भी उस पर लगे हैं।
उस व्यक्ति की पहचान रामभावन के रूप में की गई है, वह चित्रकूट ज़िले का रहने वाला है। उसके शिकार बच्चियों की उम्र 5 से 16 साल के बीच रही है।
एनडीटीवी ने एक ख़बर में कहा है कि उस शख़्स के ठिकानों पर छापेमारी से 8 मोबाइल फ़ोन, एक लैपटॉप, कई तरह के सेक्स ट्वॉयज़ और 8 लाख रुपए नकद बरामद हुए हैं। बच्चों के यौन शोषण से जुड़ी दूसरी चीजें भी मिली हैं। सीबीआई का कहना है कि वह अकेले यह काम नहीं कर रहा होगा, निश्चित तौर पर उसके साथ दूसरे लोग भी होंगे।
अभियुक्त ने शुरुआती पूछताछ में यह स्वीकार किया कि वह बच्चों को मोबाइल फ़ोन व दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण देता था ताकि वे अपना मुंह न खोलें।
एनसीआरबी के आँकड़े
नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, भारत में रोज़ाना 100 बच्चों का यौन शोषण होता है। इन आँकड़ों के मुताबिक़ 2008 से 2018 के बीच बच्चों के प्रति होने वाले अपराध छह गुणा बढ़ गए हैं। साल 2008 में इस तरह के 22,500 मामले पाए गए थे, 2018 में इस तरह के मामलों की संख्या बढ़ कर 1,41,764 हो गई।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर हो रहे यौन अपराधों पर देखें वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह का यह वीडियो।
चित्रकूट से हुई गिरफ़्तारी के मामले में डार्कनेट पर बच्चों की ये तसवीरें पाई गईं। डार्कनेट इंटरनेट का वह जाल होता है, जो गोपनीय होता है, दिखता नहीं है। इसके लिए ख़ास किस्म के सॉफ़्टवेअर होते हैं और उसके ज़रिए पोर्न कंटेट यानी अश्लील सामग्री डार्कनेट पर अपलोड की जाती है।