मुरादाबाद: गोरक्षकों ने शाकिर को पीटा, 4 दबोचे, पीड़ित पर भी केस दर्ज

03:06 pm May 24, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर गोरक्षकों ने गुंडागर्दी की है। मुरादाबाद में इन गोरक्षकों ने शाकिर नाम के श़ख्स को पीटा है। शाकिर को पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पुलिस ने शाकिर के भाई की शिकायत पर कटघर थाने में मुक़दमा दर्ज कर अब तक चार अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया है जबकि दो की तलाश जारी है। शाकिर मांस बेचने का काम करता है। 

लेकिन अभियुक्तों ने भी शाकिर के ख़िलाफ़ काउंटर केस दर्ज करा दिया है। इस केस में जानवर को मारने का ग़लत काम करने, संक्रमण फैलाने जैसा काम करने और कोरोना लॉकडाउन की गाइडलाइंस का उल्लंघन करने के आरोप लगाए गए हैं। एक सीनियर पुलिस अफ़सर ने एनडीटीवी को बताया कि शाकिर को गिरफ़्तार किया गया है लेकिन उसे जेल नहीं भेजा गया है क्योंकि उसके ख़िलाफ़ लगे आरोपों में उसे जमानत मिल जाएगी। शाकिर अभी घर पर है और उसकी सेहत में सुधार हो रहा है। 

मनोज ठाकुर है मुख्य अभियुक्त 

शाकिर को पीटने वाले मुख्य अभियुक्त का नाम मनोज ठाकुर है। शाकिर के भाई ने शिकायत में कहा है कि मनोज ठाकुर और उसके साथियों ने उसके भाई को उस वक़्त घेर लिया, जब वह 50 किग्रा भैंस का मांस लेकर स्कूटर पर जा रहा था। शिकायत में कहा गया है, “गोरक्षकों ने कहा कि वे इस मामले को पुलिस में ले जाएंगे, उन्होंने शाकिर से 50 हज़ार रुपये मांगे और उस पर हमला कर दिया।” 

वायरल वीडियो में दिख रहा है कि मनोज ठाकुर और उसके साथियों ने शाकिर को पकड़ा हुआ है और मनोज उसे डंडों से पीट रहा है, थोड़ी देर में शाकिर नीचे गिर जाता है। 

मनोज ठाकुर का बयान

इस बीच, मनोज ठाकुर ने एक बयान जारी किया है। मनोज के मुताबिक़, “हम लोगों ने शाकिर को रोकने की कोशिश की लेकिन उसने अपने वाहन से हम पर हमला कर दिया। मैं गो हत्या रोकने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन पुलिस मुझे धमका रही है। प्रशासन मुझे एक पुलिस टीम दे, मैं इस रैकेट का पर्दाफ़ाश करूंगा।” हालांकि वह अभी फरार है। 

सांसद का बयान

मुरादाबाद से एसपी के सांसद एसटी हसन ने कहा है कि शाकिर ने एक फ़ैक्ट्री से मीट लिया था और उसके पास इसकी रसीद भी थी लेकिन इसके बाद भी उस पर हमला किया गया। सांसद ने कहा है कि गोहत्या के नाम पर यह नफ़रत बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शुक्र है कि शाकिर की जान बच गई। 

गोरक्षकों की हैवानियत जारी 

गोरक्षा के नाम पर दूसरों की जान लेने पर आमादा गोरक्षकों की यह हैवानियत बीते कुछ सालों में लगातार बढ़ती गयी है। गो रक्षकों की गुंडई का यह सिलसिला 2015 में ग्रेटर नोएडा में एक बुजुर्ग अख़लाक़ को पीट-पीटकर मार डालने से शुरू हुआ था। अखलाक़ को सिर्फ़ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया था क्योंकि गो रक्षकों को इस बात का शक था कि अखलाक़ के फ्रिज में गो मांस रखा है।

लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अख़लाक़ की हत्या का एक अभियुक्त विशाल राणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दादरी में हुई जनसभा में दिखाई दिया था। इस दौरान जब मुख्यमंत्री जनसभा को संबोधित कर रहे थे तो विशाल ने योगी-योगी के ख़ूब नारे लगाये थे। 

सैकड़ों घटनाएं हुईं 

उसके बाद राजस्थान के अलवर में पहलू खान से लेकर झारखंड में अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या सहित ऐसे कई मामले हैं जिनमें गोमांस ले जाने के शक में मुसलमानों को सड़क पर पीटा गया। बीते अगस्त में लुकमान नाम के नौजवान को गोरक्षकों ने गोमांस ले जाने के शक में सड़क पर हथौड़े से पीट दिया था। 

इसके अलावा भी कई जगहों पर इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन इससे यह साफ है कि क़ानून गोरक्षकों की जेब में है और अब किसी भी मुसलिम शख़्स को ये गोरक्षक गोमांस ले जाने या गोहत्या के नाम पर कहीं भी पीट सकते हैं या उसकी जान ले सकते हैं।