योगी सरकार के चार साल पूरे होने पर अख़बारों में कई-कई पेज विज्ञापन और योगी आदित्यनाथ के लेख से आपको यदि यूपी की चमकती तसवीरें दिखती हैं तो यह ख़बर चौंकाएगी। ऐसा इसलिए कि लाखों कर्मचारियों की महीनों से वेतन नहीं मिलने की शिकायतें हैं। होली जैसे त्योहार के नज़दीक आने और वेतन नहीं मिलने से उन कर्मचारियों में ग़ुस्सा है। लेकिन इस बीच यूपी सरकार 4 साल की ‘उपलब्धियों’ का जश्न मना रही है। करोड़ों रुपये विज्ञापन पर ख़र्च कर। अख़बार और टीवी में विज्ञापन हैं। अख़बारों में लेख है। और सोशल मीडिया पर सफलता के एक से बढ़कर एक दावे किए गए हैं।
एक तरफ़ कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने की शिकायतें हैं वहीं योगी सरकार का दावा है कि इसने चार साल में राज्य में बेरोज़गारी काफ़ी कम कर दी है। योगी आदित्यनाथ ने ही 'हर हाथ को काम' का ज़िक्र करते हुए दावा किया है कि 2017 में जहाँ बेरोज़गारी 17.5 फ़ीसदी थी अब वह घट कर 4.1 फ़ीसदी रह गई है।
योगी सरकार के इन दावों के बीच ही 'अमर उजाला' में एक रिपोर्ट छपी है। इसमें कहा गया है कि बाल विकास एवं पोषाहार विभाग के क़रीब 3.60 लाख अधिकारियों व कर्मचारियों को पिछले 4 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। सीडीपीओ संघ व राज्य कर्मचारी संघ ने एक हफ़्ते में वेतन व मानदेय का भुगतान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बाल विकास एवं पोषाहार विभाग में क़रीब 1.89 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं और 1.66 लाख सहायिकाएँ हैं।
रिपोर्ट के अनुसार सीडीपीओ, डीपीओ, मुख्य सेविकाओं और सहायक सांख्यिकी कर्मचारी के क़रीब 5000 कर्मयों को भी चार महीने से वेतन नहीं मिला है। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, सीडीपीओ संघ के प्रदेश अध्यक्ष एके पांडेय का कहना है कि महंगाई के दौर में 4-5 महीने से वेतन नहीं मिलने से सामान्य ख़र्चे चलाना भी मुश्किल हो रहा है।
यानी एक तरफ़ तो कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है और दूसरी तरफ़ सरकार ने करोड़ों रुपये ख़र्च कर अख़बारों और टीवी चैनलों पर विज्ञापन चलवाए हैं कि उत्तर प्रदेश की 'अपूर्व प्रगति' हो रही है।
योगी सरकार के चार साल होने पर अपनी 'उपलब्धियाँ' बताने के लिए योगी ने कई अख़बारों में लेख लिखा है। एक शॉर्ट फ़िल्म के जरिए योगी सरकार की उपलब्धियाँ गिनाई गईं। इनमें सरकार ने दावे किए कि चार साल में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी की गई है। योगी ने दावा किया कि यूपी को लेकर अब धारणा बदल गई है। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य की श्रेणी से हटकर सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है।'
विपक्ष ने यूपी सरकार के इन दावों पर निशाना साधा है। यूपी कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर पेज से आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री अपनी नाकामी छुपाने के लिए लिए करोड़ों के पोस्टर और बैनर से ढोल पिटवा रहे हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कहा, 'यूपी में बीजेपी सरकार के 4 साल पूरे होने पर काफ़ी शाहखर्ची करके बड़े-बड़े विज्ञापनों और प्रेसवार्ता आदि के माध्यम से जो उपलब्धियाँ सरकार द्वारा आज गिनाई गई हैं उनमें सच्चाई बहुत कम है।'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है, "उप्र सरकार को अपने प्रचार में ये डिस्क्लेमर डलवाना चाहिए ‘इस प्रचार के सभी पात्र एवं घटनाएं काल्पनिक हैं, इनका वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं है'।"
दो दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि बीजेपी की अंधेर नगरी के चार साल चौपट राजा की तरह रहे हैं। उन्होंने कहा था कि सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है और जनता का हर वर्ग बुरी तरह त्रस्त रहा है। उन्होंने कहा कि चार साल जैसा अंधेर कभी किसी ने न देखा न सुना होगा।