तिप्रा मथा के प्रमुख मानिक्य देबवर्मा ने आज एक सनसनीखेज आरोप लगाकर त्रिपुरा की राजनीति को गर्मा दिया है। देबवर्मा ने ट्विट करते हुए राज्य में ऑपरेशन लोटस का आरोप लगाया। उन्होंने अपने ट्विट में लिखा, ‘राज्य में ऑपरेशन लोटस शुरु हो चुका है। अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए वह इंडिजिनस पिपल्स ऑफ त्रिपुरा के साथ गठबंधन के लिए बात कर रहे थे, लेकिन आज सुबह 11 बजे से इंडिजिनस पिपल्स ऑफ त्रिपुरा पार्टी का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति उनका फोन नहीं उठा रहा है।‘ जिसके कारण उनकी बातचीक रुकी हुई है।
तिप्रा मथा और इंडिजिनस पिपल्स ऑफ त्रिपुरा ग्रेटर तिपरालैंड की मांग कर रहे हैं। इस शर्त पर दोनों ही दलों ने पहले तो भाजपा सहित दूसरी पार्टियों से गठबंधन की बात की लेकिन बात बनते न देख दोनों ही दलों ने आपस में गठबंधन या फिर विलय की कोशिश शुरु की।देबवर्मा ने पिछले दिनों भाजपा के साथ गठबंधन के लिए दिल्ली में अमित शाह से भी मुलाकात की थी, शाह के साथ मुलाकात के वक्त असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वसर्मा भी मौजूद थे।
देबवर्मा ने गठबंधन की स्थिति को लेकर कहा था कि जो भी पार्टी हमसे बात करने के लिए आए वो लिखित में आश्वासन दे की वह ग्रेटर तिपरालैंड का बनाएगी। उससे कम पर हम कोई भी समझौता नहीं करेंगे। देबवर्मा ने ग्रेटर तिपरालैंड का पोस्टर भी अपनी सोशल मीडिया वाल पर लगाया हुआ है।
इंडिजिनस पिपल्स ऑफ त्रिपुरा की भी यही मांग है कि अलग तिपरालैंड का निर्माण किया जाए। इसलिए दोनों ही दल एक साझा उद्देश्य के साथ गठबंधन की कोशिश कर रहे थे।
शाम होते-होते देबवर्मा ने एक और ट्विट करते हुए लिखा की इंडिजिनस पिपल्स ऑफ त्रिपुरा के बहुत सारे लोग तिप्रा मथा ज्वाइन करने के लिए फोन कर रहे हैं। हमारी मांग को अच्छा समर्थन मिल रहा है।
त्रिपुरा में अगले महीने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। हर पार्टी अपने मन मुताबिक अपने साथियों का चुनाव कार रही है जिससे की अपनी जीत निश्चित कर सके। वर्तमान में सरकार चला रही भाजपा भी इसमें पीछे नहीं है। भाजपा लगातार क्षेत्रीय दलों से गठबंधन करने की कोशिशों में लगी हुई है। वर्तमान सरकार में उसकी सहयोगी रही इंडिजिनस पिपल्स ऑफ त्रिपुरा उसका साथ छोड़कर जा चुकी है।
इस बातचीत के बीच सीपीएम-कांग्रेस गठबंधन ने अपने सभी प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। भाजपा ने भी 48 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। बाकी के बचे उम्मीदवारों का ऐलान एक दो दिन में कर दिया जाएगा। बची हुई जिन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हुई है वो गठबंधन के सहयोगियों को दी जाएंगी।
भाजपा अभी तिप्रा मथा के साथ गठबंधन की कोशिशें कर रही थी लेकिन अभी तक गठबंधन को लेकर कुछ भी तय नहीं हो पाया है। तिप्रा मथा आदिवासी बहुल इलाकों को लेकर अलग राज्य की मांग को लेकर अड़ी हुई है। वह भाजपा की पूर्व सहयोगी इंडिजिनस पिपल्स ऑफ त्रिपुरा के साथ बातचीत भी कर रही है। जोकि तिप्रा मथा के साथ अलग आदिवासी राज्य की मांग कर रही है।
तिप्रा मथा प्रमुख के ट्विट से कयास लगाए जा रहे हैं कि इंडिजिनस पिपल्स ऑफ त्रिपुरा एक बार फिर से भाजपा के साथ ही गठबंधन करेगा, क्योंकि वह भाजपा की सरकार में शामिल थी।