केंद्र सरकार के दबाव में आने से शुरू में इनकार करने वाली सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म ट्विटर के रुख में अहम बदलाव आया है।
ट्विटर इंडिया ने बुधवार को केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठी में कहा है कि वह नए डिजिटल नियम-क़ानूनों को लागू करने की हर कोशिश कर रहा है, उसने भारत में कुछ अफसरों को नियुक्त किया है और एक हफ़्ते में सरकार को विस्तृत रिपोर्ट देगा।
ट्वविटर इंडिया ने कहा है कि उसने 'नोडल ऑफ़िसर, रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफ़िसर और चीफ कंप्लायंस ऑफ़िसर नियुक्त कर दिया है।'
क्या कहा ट्विटर ने?
ट्विटर इंडिया के एक प्रवक्ता ने 'एनडीटीवी' से कहा, 'हम इन नियमनों का अर्थ समझते हैं और इन दिशा-निर्देशों के पालन की कोशिश कर रहे हैं, हमने कुछ नियुक्तियाँ भी की हैं। दिशा-निर्देश 25 फरवरी को जारी किए गए और उस समय कोरोना महामारी चरम पर था, इसलिए हम व्यवाहारिक तौर पर इसे लागू नहीं कर सके।'
बता दें कि इसके पहले केंद्र सरकार ने ट्विटर इंडिया से कहा था कि उसे भारत में व्यवसाय करना है तो दिशा-निर्देशों और डिजिटल क़ानूनों का पालन हर हाल में करना होगा। उसे एक अंतिम मौका भी दिया गया था।
केंद्र से टकराव
ट्वविटर के पहले फेसबुक, गूगल समेत और दूसरी कंपनियों ने डिजिटल नियमों के मुताबिक़, शिकायत अधिकारी नियुक्त करने जैसे कई कदम उठाए थे। लेकिन ट्विटर टालमटोल कर रहा था और इस मुद्दे पर सरकार के साथ उसका टकराव कम नहीं हो रहा था।
सरकार ने ट्विटर इंडिया को एक नोटिस जारी किया था। उसमें कहा गया था, 'ट्विटर को यह अंतिम नोटिस दिया जा रहा है कि वह नए डिजिटल नियमों का तुरंत पालन करे। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसे आईटी एक्ट, 2000 में धारा 79 के तहत मिलने वाली छूट वापस ले ली जाएगी और आईटी क़ानून और भारत सरकार के दंड नियमों के नियमों के मुताबिक़ ट्विटर ही नतीजों के लिए उत्तरदायी होगा।'
केंद्र-ट्विटर विवाद पर क्या कहना है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का, देखें यह वीडियो।