अयोध्या में रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए ख़रीदी गई ज़मीन में कथित घपले का मामला बढ़ता जा रहा है। राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की ओर से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठ बताने पर सांसद ने नए दस्तावेज़ पेश किए हैं।
बता दें कि सांसद संजय सिंह और पूर्व विधायक पवन पांडेय ने रविवार को आरोप लगाया था कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने दो करोड़ रुपये की ज़मीन 18.50 करोड़ रुपये में खरीदी और इस तरह इसमें करोड़ों रुपये का घपला किया गया।
संजय सिंह ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा, “चंपत राय के मुताबिक़, यह ज़मीन महंगी है और जब सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने कुसुम पाठक और हरीश पाठक से इस ज़मीन को ख़रीदा था, उस वक़्त रजिस्टर्ड अनुबंध बहुत पहले कर लिया था, तब दाम सस्ते रहे होंगे और बाद में यह बढ़ गए।”
संजय सिंह के मुताबिक़, जबकि कुसुम पाठक और हरीश पाठक ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से रजिस्टर्ड बैनामा किया था तो इसमें साफ़ लिखा है कि बेची गई ज़मीन सभी प्रकार के भारों और प्रभारों से मुक्त है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि न तो पूर्व में इस ज़मीन का कोई एग्रीमेंट हुआ है, न कोई पेशगी ली गई है और न कोई पैसा लिया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर हरीश पाठक और सुल्तान अंसारी के बीच में, कुसुम पाठक और रवि मोहन तिवारी के बीच में कोई एग्रीमेंट पहले हुआ होता तो इस बैनामे में इसका जिक्र ज़रूर होता। आप सांसद ने कहा कि एक सच को छुपाने के लिए चंपत राय को हज़ार झूठ बोलने की ज़रूरत नहीं है। संजय सिंह ने पूछा है कि चंपत जी क्या कोई फ़र्ज़ी कागज बना रहे हैं?
आप नेता ने कहा कि चंपत राय के मुताबिक़ वहां ज़मीन महंगी है और सरकारी रेट के हिसाब से भी अगर मान लें तो वह भी 5 करोड़ 80 लाख है और बैनामे के वक़्त यह ज़मीन 2 करोड़ में ख़रीदी गई, यह बात ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और मेयर ऋषिकेश उपाध्याय को पता थी और वे लोग उस वक़्त वहां मौजूद थे।
संजय सिंह ने सवाल पूछा कि जब इन लोगों को यह बात पता थी तो 5 मिनट बाद 18.50 करोड़ का घोटाला और भ्रष्टाचार क्यों किया गया।
क्या कहा था चंपत राय ने?
इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद चंपत राय ने सोमवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि जिस ज़मीन को लेकर मीडिया में शोर हो रहा है वह रेलवे स्टेशन के पास की एक प्रमुख जगह है।
ट्रस्ट के महामंत्री राय के मुताबिक़, इस ज़मीन को ख़रीदने के लिए वर्तमान विक्रेतागणों ने सालों पहले जिस मूल्य पर रजिस्टर्ड अनुबंध किया था, उस ज़मीन का उन्होंने 18 मार्च, 2021 को बैनामा कराया और फिर ट्रस्ट के साथ अनुबंध किया।
राय ने कहा कि श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ने अब तक जितनी भी ज़मीन ख़रीदी है, वह खुले बाज़ार की क़ीमत से बहुत कम मूल्य पर ख़रीदी है। लेकिन संजय सिंह ने बैनामे का कागज दिखाकर जिसमें कहा गया है कि बेची गई ज़मीन सभी प्रकार के भारों-प्रभारों से मुक्त है, राय के दावे को झूठा साबित कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
संजय सिंह ने रविवार को लखनऊ में दस्तावेज़ जारी कर आरोप लगाया था कि कुसुम पाठक और हरीश पाठक से सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने यह ज़मीन 7.10 मिनट पर ख़रीदी थी और 5 मिनट बाद इसे रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में ख़रीद लिया।
उन्होंने कहा कि 5 मिनट में ही ज़मीन को इतना महंगा ख़रीदने का प्रस्ताव कैसे पारित हो गया। उन्होंने सवाल पूछा था कि क्या 5.50 लाख रु प्रति सेकेंड ज़मीन महंगी हो सकती है?