बीजेपी नेता मुकुल राय के तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी में लौटने के एक दिन बाद ही अब बीजेपी नेता राजीब बनर्जी टीएमसी नेता से मिले हैं। पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले ही वह बीजेपी में शामिल हुए थे। लेकिन उनके फिर से कथित तौर पर टीएमसी से बढ़ रही नज़दीकियों और अपनी पूर्व पार्टी के नेता से मिलने की ख़बरों के बीच उनके लौटने की अटकलें हैं। तो क्या वह टीएमसी में वापसी के संदर्भ में मिलने गए थे?
इस सवाल के जवाब में राजीब बनर्जी क्या कहते हैं, यह जानने से पहले यह जान लें कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में फ़िलहाल क्या चल रहा है। हाल में अटकलें यह लगाई गईं कि बंगाल बीजेपी के कई नवनिर्वाचित विधायक टीएमसी में जाने को तैयार हैं। इनमें से ज़्यादातर वे लोग हैं जो टीएमसी से ही बीजेपी में गए थे। कई विधायक इस बारे में खुलकर कह भी चुके हैं। लेकिन बीजेपी ने इन रिपोर्टों को खारिज किया।
इस बीच बीजेपी को पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को तब तगड़ा झटका लगा जब पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय टीएमसी में शामिल हो गए। वह ममता के पुराने सहयोगी हैं और बीते कुछ दिनों से उनके वापस टीएमसी में लौटने को लेकर चर्चाएँ जोरों पर थीं। मुकुल के साथ उनके बेटे शुभ्रांशु राय भी टीएमसी में शामिल हो गए।
अब चर्चा राजीब बनर्जी के बारे में हो रही है। वह कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुनाल घोष के आवास पर गए थे। दोनों के बीच काफी लंबी बातचीत चली। बाद में दोनों नेताओं ने इसे 'कर्ट्सी कॉल' यानी शिष्टाचार मुलाक़ात क़रार दिया। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, राजीब बनर्जी ने कहा, 'कृपया इसे कुछ अलग रूप में देखने की कोशिश न करें। मैं अपने एक रिश्तेदार को देखने आया था जो कुनालदा के उसी इलाक़े में रहता है। यह एक शिष्टाचार मुलाक़ात के अलावा और कुछ नहीं है। हमारे बीच कोई राजनीतिक बात नहीं हुई थी।'
बता दें कि बंगाल के पूर्व में मंत्री रहे राजीब इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर डोमजुर से चुनाव लड़े थे लेकिन वह हार गए थे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि 'और भी बहुत सारे लोग टीएमसी में वापस आने वाले हैं, 'लेकिन, जिन लोगों ने पैसा और पावर के लिए टीएमसी के साथ गद्दारी की, उन्हें पार्टी में नहीं लेंगे। सिर्फ़ उन्हीं लोगों के नाम पर विचार किया जाएगा जिन्होंने टीएमसी से गद्दारी नहीं की।'
मुकुल की टीएमसी में वापसी के मौक़े पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जिन्होंने पार्टी से गद्दारी की है, उन्हें हम पार्टी में नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि मुकुल राय ने पार्टी से गद्दारी नहीं की है।
कहा जाता है कि मुकुल राय को बंगाल बीजेपी में दरकिनार किया जा रहा था। वह प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में थे लेकिन उनकी जगह दिलीप घोष को बीजेपी ने अध्यक्ष बना दिया था। विधानसभा चुनाव के बाद जब बीजेपी ने शुभेंदु अधिकारी को विपक्ष का नेता बनाया तो राय की नाराज़गी बढ़ गई थी।
हाल ही में कोलकाता में हुई बीजेपी की बैठक में मुकुल राय शामिल नहीं हुए थे और तभी से उनके अगले क़दम को लेकर चर्चा होने लगी थी। मुकुल कोलकाता शहर में मौजूद रहने के बावजूद बैठक में नहीं गए थे, इसके उलट वे अपने घर पर बैठक करते रहे, जिसमें कई स्थानीय नेताओं ने शिरकत की थी।