उद्योगपति राहुल बजाज नहीं रहे। वह 83 वर्ष के थे। वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। 2001 में उन्हें पद्म भूषण मिला था। उन्होंने 1965 में बजाज ग्रुप की ज़िम्मेदारी सँभाली थी और पिछले साल उन्होंने चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था।। उन्हें बजाज ऑटो का पर्याय माना जाता था।
बजाज समूह के एक बयान में कहा गया है कि उद्योगपति का अपने क़रीबी परिवार के सदस्यों के बीच निधन हुआ।
बायोकॉन की प्रमुख किरण मज़ूमदार शॉ ने कहा, 'बजाज समूह के पूर्व अध्यक्ष उद्योगपति राहुल बजाज का 83 वर्ष की आयु में निधन - मैं स्तब्ध हूँ - वह एक प्रिय मित्र थे और वह बहुत याद आएँगे। देश ने एक महान सपूत और राष्ट्र निर्माता खो दिया है।'
देश के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि 'विगत पॉंच दशकों से बजाज ग्रुप का नेतृत्व करने वाले राहुल जी का उद्योग जगत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को संबल दे।'
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है, 'राहुल बजाज वह थे जिन्होंने औसत भारतीयों को दो पहिया चालित मोटर पर बिठाया। उनके निधन से हमने एक दूरदर्शी और मुखर कारोबारी नेता खो दिया है। उनके परिवार और बजाज परिवार और बजाज समूह के व्यवसाय के सदस्यों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।'
एनसीपी नेता शरद पवार ने ट्वीट किया है, 'पद्म भूषण श्री राहुल बजाज के दुखद निधन के बारे में जानकर गहरा सदमा लगा! प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज के पोते ने समाज में विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों में अपनी दोपहिया तकनीक - बजाज बाइक से परिवर्तन लाया!'
राहुल बजाज ने पिछले साल अप्रैल में बजाज ऑटो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। "आप बजाज को हरा नहीं सकते" और "हमारा बजाज" भारतीय कॉर्पोरेट विज्ञापन उद्योग में सबसे प्रसिद्ध टैगलाइनों में से रहे हैं।