यूपी के ओबीसी आघात से परेशान बीजेपी ने आज प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को फिर से राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश की। पीएम मोदी के पंजाब दौरे पर प्रदर्शन करने वाले किसानों को फिर से खालिस्तानी बताया गया। मुद्दा बनाने के लिए तमाम बीजेपी शासित मुख्यमंत्रियों ने अपनी-अपनी लोकेशन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस या बयान देना पड़ा। बीजेपी की कोर कमेटी की मीटिंग से बाहर आकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर ने एएनआई के कैमरामैन को बाइट दी। सबका अंदाज एक जैसा।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का नेरेटिव बदलने को बेकरार बीजेपी की सारी कोशिशें उसके अनुकूल नहीं हो रही हैं। ऐसे में पंजाब के एक कथित स्टिंग को आधार बनाकर इस मुद्दे को फिर से जिन्दा करने की कोशिश की गई। यह कथित स्टिंग पंजाब के डीएसपी सीआईडी सुखदेव का है, जो वीडियो में कहता हुआ नजर आ रहा रहा है कि उसने अपने अफसरों को पहले ही सूचना भेज दी थी कि पीएम वाले रास्ते पर कुछ तत्व सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। एक गुरुद्वारे से भी अपील की गई थी। हालांकि इस आशय के वीडियो पहले से ही सोशल मीडिया पर लोगों ने डाल रखे थे लेकिन इसे स्टिंग का नाम देकर फिर जारी कर दिया गया।
स्टिंग सामने आने के बाद कोई हलचल नहीं मची तो असम के सीएम से लेकर असम, यूपी, उत्तराखंड, एमपी, गुजरात, हरियाणा आदि मुख्यमंत्रियों ने बयान दिए। सभी के बयान शाम को ही आए। असम के सीएम हेमंत बिस्वासरमा का बयान बहुत तीखा है। उन्होंने आंदोलनकारियों को खालिस्तानी तक बता डाला। असम के सीएम ने डीएसपी पंजाब के हवाले से कहा - इस प्रदर्शन का आयोजन खालिस्तानी समर्थकों ने किया था। पुलिस अधिकारियों को पूरी साजिश की जानकारी दी गई थी।
असम के सीएम के इस बयान और कथित स्टिंग करने वालों के पास शायद पंजाब के अखबारों की जानकारी नहीं है, जो कई दिनों से लिख रहे थे कि पंजाब की किसान जत्थेबंदियों ने प्रधानमंत्री के दौरे का विरोध करने की घोषणा की है। इस संबंध में किसान नेता राकेश टिकैत ने भी कहा था कि किसान अगर प्रदर्शन कर रहे हैं तो इसमें बुरा क्या है। लेकिन इस कथित स्टिंग के जरिए किसानों के आंदोलन को खालिस्तानी बताने की कोशिश की गई।
योगी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि यह पहले से प्रायोजित साजिश थी। पंजाब सरकार ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। इस भारी सुरक्षा चूक के लिए कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी इसे बड़ी साजिश बताते हुए, कांग्रेस से माफी की मांग करते हुए सारी बातें वही कहीं जो यूपी के सीएम ने कहीं। बाकी मुख्यमंत्रियों के बयान भी इसी लाइन पर रहे।
पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला पुराना पड़ गया था। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे अपने ढंग से इतना काउंटर किया कि बीजेपी का प्रचार मंद हो गया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। आननफानन में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सभी जांचों पर रोक लगा दी और आज सुबह ही एक नई कमेटी को सारा मामला सौंपा था। इसमें रिटायर्ड जज भी हैं। लेकिन कथित स्टिंग के आने के बाद दोपहर बाद तीन बजे तक बीजेपी खेमे में खामोशी रही। लेकिन शाम करीब 4 बजे से सभी बीजपी शासित राज्यों के सीएम अचानक जागे और धड़ाधड़ बाइट देने लगे। हालांकि ये सारे सीएम बहुत पहले ही इस सुरक्षा चूक के लिए पंजाब की निन्दा कर चुके हैं।
कहा जा रहा है कि यह सब यूपी में चल रहे घटनाक्रम की धार को कमजोर करने के लिए किया गया। यह इसलिए भी किया गया कि रात को टीवी शो की डिबेट में यही मुद्दा उठे और यूपी में ओबीसी नेताओं के बीजेपी से मोहभंग पर कोई बहस नहीं हो सके। ऐसा हुआ भी। तमाम टीवी चैनलों पर इस समय यूपी में दो-दो मंत्रियों और आधा दर्जन विधायकों के इस्तीफे नहीं बल्कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक पर फिर से बहस हो रही है।