कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कांग्रेस में तहलका मचा दिया है! थरूर ने कहा है कि कांग्रेस के बाहर भी उनके पास विकल्प मौजूद हैं। उनका यह बयान तब आया है जब कांग्रेस से उनके मतभेद की ख़बरें हैं। कांग्रेस जहाँ पीएम मोदी की दिन-रात आलोचना कर रही है वहीं शशि थरूर ने उनकी तारीफ़ की है? कांग्रेस जहाँ एलडीएफ़ की खिंचाई कर रही है वहीं थरूर उसकी तारीफ़ कर रहे हैं। तो क्या शशि थरूर और कांग्रेस के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है?
कम से कम उनके ताज़ा बयान से तो यही संकेत मिलते हैं। थरूर ने कहा है कि वह पार्टी के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पार्टी को उनकी ज़रूरत नहीं है तो उनके पास विकल्प हैं। हालाँकि उन्होंने यह साफ़ नहीं किया है कि आख़िर वे विकल्प किस रूप में हैं। उन्होंने यह साफ़ नहीं किया कि वह किसी अन्य राजनीतिक पार्टी के संदर्भ में कह रहे थे या फिर गैर-राजनीतिक विकल्प के बारे में। तो क्या वह पार्टी बदलने की तैयारी में हैं? इस सवाल का जवाब क्या दिया है, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर पूरा विवाद क्या है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केरल में पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार की तारीफ़ करने वाली उनकी टिप्पणी पर विवाद के बीच उनका ताज़ा बयान इंडियन एक्सप्रेस के मलयालम पॉडकास्ट में आया है। थरूर की टिप्पणी इसलिए अहम है क्योंकि उन्होंने पहले केरल सरकार की नीतियों और अमेरिका में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। यह कांग्रेस की नीतियों के ख़िलाफ़ है।
कहा जा रहा है कि तिरुवनंतपुरम से चार बार के सांसद शशि थरूर नाराज़ और आहत हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए वामपंथी एलडीएफ सरकार की तारीफ़ करने के लिए थरूर को कांग्रेस पार्टी की केरल इकाई की ओर से लगातार आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, थरूर ने हाल ही में वामपंथी एलडीएफ सरकार की तारीफ़ करते हुए एक लेख लिखा था। इस पर केरल कांग्रेस से तीखी प्रतिक्रिया हुई। विवाद बढ़ा तो मामला हाईकमान तक पहुँचा। राहुल गांधी ने थरूर को केरल में एलडीएफ सरकार द्वारा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रशंसा करने वाले उनके लेख पर विवाद के बाद बैठक के लिए बुलाया था। उस बैठक में क्या हुआ, उसके बारे में ज़्यादा जानकारी सामने नहीं आई है।
यह विवाद तब हुआ जब थरूर ने पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा और ट्रंप से उनकी मुलाक़ात की तारीफ़ की थी। जहाँ राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे सहित पूरी कांग्रेस पीएम मोदी की यात्रा पर सवाल उठा रही है और आलोचनाएँ कर रही है, वहीं थरूर ने तारीफ़ की।
थरूर की इस टिप्पणी को कांग्रेस से मतभेद के रूप में देखा गया।
इस विवाद के बीच शनिवार को थरूर ने अंग्रेजी कवि थॉमस ग्रे की कविता 'ओड ऑन ए डिस्टेंट प्रॉस्पेक्ट ऑफ ईटन कॉलेज' का एक उद्धरण एक्स पर साझा किया, जिसमें लिखा था, 'जहां अज्ञानता सुखद है, वहीं बुद्धिमान होना मूर्खता।'
इन्हीं विवादों पर थरूर का बयान द इंडियन एक्सप्रेस के मलयालम पॉडकास्ट में आया। इस साक्षात्कार के दौरान थरूर ने विवाद पर सफ़ाई दी और कहा कि उन्होंने कभी खुद को एक राजनेता के रूप में नहीं सोचा और उनके पास 'संकीर्ण राजनीतिक विचार' हैं।
उन्होंने कांग्रेस से नए मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए केरल में अपना आधार बढ़ाने का आह्वान किया और पार्टी की राज्य इकाई में एक नेता की ज़रूरत बताई। उन्होंने दावा किया कि अन्य कांग्रेस नेताओं ने उनके इस विचार का समर्थन किया कि पार्टी की केरल इकाई में एक नेता की कमी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस ने विस्तार नहीं किया, तो वह केरल में लगातार तीसरी बार विपक्ष में बैठेगी। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
थरूर ने उनके और कांग्रेस के बीच मतभेद की खबरों पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और मीडियाकर्मियों से इस मामले को तूल नहीं देने का आग्रह किया।
अपने लेख के बारे में केरल में कांग्रेस नेताओं की ओर से लगातार आलोचना के बारे में पूछे जाने पर, थरूर ने पॉडकास्ट में कहा कि वे विवाद का कारण समझ नहीं पा रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी में उन्हें दरकिनार किए जाने की शिकायत की है, थरूर ने कहा, 'मैंने कभी किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की।' उन्होंने कहा कि केरल में वाम मोर्चा सरकार की प्रशंसा करने वाले उनके लेख पर विवाद ने कुछ अच्छा किया है क्योंकि इसने इस मुद्दे पर चर्चा की गुंजाइश खोली।
थरूर ने यह भी साफ़ किया कि पीएम मोदी की ट्रम्प के साथ हाल ही में हुई बैठक की उनकी प्रशंसा भारत के व्यापक हित में की गई थी, और उन्होंने जोर देकर कहा कि 'हम हमेशा केवल पार्टी हित के संदर्भ में बात नहीं कर सकते'। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि वह थरूर की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते और कहा कि हो सकता है कि राहुल गांधी से मिलने से पहले थरूर ने पॉडकास्ट साक्षात्कार दिया हो।
पार्टी बदलने के बारे में अफवाहों का खंडन करते हुए थरूर ने कहा कि अगर वह पार्टी में कुछ बातों से सहमत नहीं है तो वह पार्टी बदलने में विश्वास नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि ऐसा करना सही होगा। किसी को पार्टी से बाहर रहने, स्वतंत्र रहने की स्वतंत्रता है।' फिर उन्होंने तुरंत कहा, 'आज की राजनीति में मैं जो देख रहा हूँ वह यह है कि हर कोई चाहता है कि कोई पार्टी या संगठन उसका समर्थन करे।'