सपा समर्थक इत्र कारोबारी के घर 150 करोड़ बरामद, नोट गिनने की मशीन मंगानी पड़ी

02:00 pm Dec 24, 2021 | सत्य ब्यूरो

‘समाजवादी परफ्यूम’ वाले बड़े कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर आज केंद्र सरकार की जीएसटी इंटेलिजेंस यूनिट समेत कई एजेंसियों ने छापे मारे।

एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि जैन के यहां से 150 करोड़ का कैश बरामद हुआ है, जिसे गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ी।

रुपये गिनने और छापे की कार्रवाई अभी भी जारी है। पीयूष जैन समाजवादी पार्टी के समर्थक और शुभचिन्तक माने जाते हैं।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नवम्बर में समाजवादी परफ्यूम को लॉन्च किया था।

सपा समर्थक कारोबारियों पर छापे की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले सपा प्रवक्ता राजीव राय, जैनेंद्र यादव और मनोज यादव के ठिकानों पर छापे मारे गए थे।

पीयूष जैन शिखर गुटखा कारोबार से भी जुड़े हैं। छापों की कार्रवाई शिखर गुटखा के सप्लायर पर भी की गई है।

इन छापों पर उस समय अखिलेश यादव और अन्य सपा नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया था कि वे डराने के लिए यह कार्रवाई कर रहे हैं।

अखिलेश ने कहा था - अभी तो ईडी और सीबीआई भी हमें डराने के लिए आएगी। हमें इसका पहले से इंतज़ार था।

सरकार के रडार पर था जैन परिवार

अखिलेश यादव ने 9 नवम्बर को लखनऊ में समाजवादी परफ्यूम लान्च करने के मौके पर कहा था कि इससे यूपी की फिजा महकेगी। इस कार्यक्रम में सपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) पुष्पराज जैन मौजूद थे।

देश के बड़े इत्र कारोबारियों में शुमार कन्नौज निवासी  पीयूष जैन इन्हीं पुष्पराज जैन के रिश्तेदार हैं। पूरा जैन परिवार ही सपा समर्थक माना जाता है। 

जाँच एजेंसियों ने बीती रात से ही पीयूष जैन के कानपुर, लखनऊ, मुम्बई, गुजरात आदि दफ़्तरों पर छापे शुरू किये थे। 

हालांकि सोशल मीडिया पर चर्चा है कि पीयूष जैन तो बीजेपी और अन्य दलों को भी चंदा देते थे। बीजेपी उन्हें बदनाम करने के लिए सपा से जोड़ रही है।

लोगों ने लिखा है कि यह सरकार की नोटबंदी की विफलता भी है। आखिर नोटबंदी के बाद कारोबारी कैसे इतना पैसा घरों में कैश के रूप में रखते हैं।

वैसे कारोबारी कहते रहे हैं कि बिना पैसे के कारोबार नहीं हो सकता, इसलिए उन्हें अपने पास कैश का इंतजाम करके रखना पड़ता है।

सपा ने पीयूष जैन पर पड़े छापों पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ क़रीब 150 करोड़ का कैश बरामद हुआ है। नोट गिनने के लिए एजेंसियों को मशीन मंगानी पड़ी।

ये छापे डीडीजीआई (जीएसटी इंटेलिजेंस निदेशालय) भारत सरकार ने मारे हैं। लेकिन अब इसमें आयकर विभाग भी शामिल हो गया है। 

जीएसटी इंटेलिजेंस के सूत्रों का कहना है कि कारोबारी पीयूष जैन की 40 कंपनियाँ ई-वे बिल के ज़रिए सरकार को चूना लगा रही थीं।

अभी 18 दिसम्बर को यूपी के मऊ में सपा प्रवक्ता राजीव राय के घर आयकर विभाग ने छापा मारा था। छापों के बाद राय ने दावा किया था कि उनके घर से 17 हज़ार रूपये कैश मिले हैं।

राय के दक्षिण भारत में शिक्षण संस्थान चलते हैं।

आयकर विभाग ने उसी दिन सपा समर्थक कारोबारी मनोज यादव और जैनेंद्र यादव पर छापे मारे थे। ये लोग रीयल एस्टेट कारोबार में हैं। नोएडा में इनके पास काफी जमीनें हैं।