केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच केंद्रीय फंड को लेकर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं, लेकिन अब टीएमसी सांसद इस मुद्दे पर सीधे केंद्रीय मंत्री के कार्यालय में पहुँच गए।
अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी सांसद बुधवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह के कार्यालय पहुंचे और मनरेगा सहित केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत बकाया राशि जारी करने की मांग की। टीएमसी के 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में संसद के दोनों सदनों के सदस्य शामिल थे, जिनमें लोकसभा सदस्य महुआ मित्रा और सौगत रे शामिल थे। रिपोर्ट के अनुसार टीएमसी के उन सांसदों ने पश्चिम बंगाल को आवंटित धन को जारी करने की मांग की।
टीएमसी सांसदों की मुख्य मांग नरेगा के तहत राज्य में कराए गए काम के लिए भुगतान करने के लिए राशि को लेकर थी। सांसदों ने कहा है कि नरेगा के तहत लगभग 7000 करोड़ रुपये लंबित हैं।
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि नरेगा के तहत काम करने वाले 17 लाख परिवारों को उनकी मजदूरी नहीं मिली है। द इंडियन एक्सप्रेस से एक टीएमसी सांसद ने कहा कि वे केंद्रीय योजनाओं के तहत धन जारी करने की मांग कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार जब वे मंत्री के कार्यालय पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि वह दिल्ली में नहीं हैं। एक सांसद ने कहा कि यहाँ तक कि ग्रामीण विकास राज्य मंत्री भी मंत्रालय में उपलब्ध नहीं थे।
ग्रामीण विकास मंत्रालय सहित कई मंत्रालयों वाले कृषि भवन के प्रवेश द्वार पर उस समय हंगामा हो गया जब सांसदों ने ग्रामीण विकास मंत्री के कार्यालय तक पहुंचने की कोशिश की। करीब 10-15 मिनट तक वे बाहर इंतजार करते रहे। जब वे मंत्री के कार्यालय पहुंचे, सिंह वहां नहीं थे और वे गलियारे में काफ़ी देर तक प्रतीक्षा करते रहे।
रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय के अधिकारियों ने उन्हें समिति कक्ष में बैठने के लिए मनाने की कोशिश की। सबसे पहले, नरेगा देखने वाले संयुक्त सचिव अमित कटारिया ने टीएमसी प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात की। अधिकारियों ने काफ़ी लंबे समय तक बात की।
वैसे, टीएमसी के सांसद फंड जारी करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्रीय मंत्री ममता सरकार पर केंद्र से जारी फंड का इस्तेमाल नहीं करने का आरोप लगाते रहे हैं।
फरवरी महीने में ही केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने कोलकाता में कहा था कि केंद्र ने पिछले कुछ वर्षों में पश्चिम बंगाल को तीन गुना अधिक धन आवंटित किया है। उन्होंने केंद्र द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं के लिए धन का उपयोग करने में विफल रहने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा केंद्र पर मनरेगा और पीएम आवास योजना के फंड को रोकने के लगातार आरोपों के बीच, केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि राज्य केंद्र द्वारा प्रदान की गई धनराशि का उपयोग करने में विफल रहा है।
ईरानी ने कहा था, 'पश्चिम बंगाल सरकार महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा दिए गए 260 करोड़ रुपये का उपयोग नहीं कर सकी। राज्य धन का उपयोग करने में विफल रहा है।' हालाँकि तब केंद्रीय मंत्री के दावों पर पलटवार करते हुए राज्य के बाल और महिला कल्याण मंत्री शशि पांजा ने कहा था, 'मंत्री को स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि वह किस फंड की बात कर रही हैं- यह 260 करोड़ रुपये क्या है? बच्चों के लिए चावल का दाना समय पर हमारे पास नहीं पहुंचता है।'
केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ने कहा था कि 2014 के बाद से पिछले वर्षों में आवंटन की तुलना में लगभग तीन गुना धन की वृद्धि हुई है। हालाँकि तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी दावा करते रहे हैं कि केंद्र धन रोक रहा है क्योंकि वे 2021 के विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस से हार गए थे।