बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के बीच तनातनी क्या अब दूर होगी? दोनों दलों में बढ़ती खटास के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज आरजेडी नेता लालू यादव को फ़ोन किया। आज ही सोनिया गांधी ने राज्यों में कांग्रेस के प्रभारियों की बैठक ली है। समझा जाता है कि इसमें राज्यों में पार्टी ईकाइयों में आने वाली समस्याओं पर चर्चा हुई।
दोनों दलों के बीच भले ही खटपट की ख़बरें हों, लेकिन सोनिया गांधी और लालू यादव के बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं। 2004 में जब कांग्रेस सत्ता में आई थी तो राजद प्रमुख ने प्रधानमंत्री पद के लिए सोनिया गांधी का जोरदार समर्थन किया था। यह तब हुआ था जब बीजेपी जैसे कुछ दल इटली में जन्म लेने के कारण सोनिया के प्रधानमंत्री बनने का विरोध कर रहे थे।
सोनिया की लालू यादव के साथ फ़ोन पर बातचीत की यह ख़बर तब आई है जब हाल ही में दोनों दलों के बीच गठबंधन ख़त्म करने का भी एलान कर दिया गया था। दोनों दलों के रिश्तों में खटास तब आई थी, जब कुछ दिन पहले दो सीटों- कुशेश्वर आस्थान और तारापुर सीट पर उपचुनाव के लिए आरजेडी ने अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया था। और यहाँ तक कि ख़ुद लालू यादव ने कांग्रेस पर तंज कसे थे। तीन साल तक जेल में रहने और अस्पताल से छुट्टी के बाद लालू यादव अब बिहार की राजनीति में फिर से सक्रिय दिख रहे हैं।
लालू यादव ने सोमवार को विपक्षी गठबंधन को यह कहकर झटका दिया था कि गठबंधन ने उनकी पार्टी के लिए क्या अच्छा किया है। लालू यादव से पूछा गया था कि क्या कांग्रेस के साथ राजद का गठबंधन ख़त्म हो गया है? इस पर उन्होंने कहा, 'क्या होता है कांग्रेस का गठबंधन।'
उनसे जब यह कहा गया कि बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा है कि राजद कांग्रेस से मुंह मोड़कर बीजेपी की मदद कर रहा है, तो लालू यादव ने जवाब दिया, 'क्या हमें एक सीट के साथ जाना चाहिए था ताकि कांग्रेस इसे हार जाए और अपनी जमानत जब्त करा ले? भक्त चरण भक्चोनहर (मूर्ख) है।'
भक्त चरण दास ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि अगर आरजेडी कांग्रेस को सम्मान नहीं दे सकती तो कांग्रेस उसे कैसे सम्मान देगी। उन्होंने कहा था कि पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए ख़ुद को मज़बूत करने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
बहरहाल, सोनिया गांधी ने आज राज्यों के पार्टी प्रभारियों की बैठक ली है। इससे पहले उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों, पार्टी महासचिवों और प्रभारियों की बैठक ली थी। इसमें सोनिया ने कहा था कि राज्यों के कांग्रेस नेताओं में स्पष्टता और सामंजस्य की कमी दिखाई देती है। सोनिया ने पार्टी नेताओं से निजी स्वार्थों को पीछे रखकर अनुशासन और एकता पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है। सोनिया ने ऐसा कहकर पार्टी में बाग़ी नेताओं के जी-23 गुट को नसीहत दी। क्योंकि जी-23 गुट के नेता अकसर मीडिया में बयानबाज़ी करते हैं। लगातार बयानबाज़ी कर रहे नवजोत सिंह सिद्धू के लिए भी यह एक संदेश था।