कांग्रेस नेता सचिन पायलट आज दिल्ली पहुंचे हैं। उन्हें किसी ने नहीं बुलाया है लेकिन समझा जाता है कि वो कांग्रेस नेतृत्व से मिलकर अपनी बात रखेंगे। पायलट खेमा इस बात से हैरान है कि उनके अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि बताने के बाद पार्टी ने कोई अन्य प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी। क्या सचिन को लेकर पार्टी नेतृत्व का सॉफ्ट कॉर्नर बरकरार है। इसी तरह गहलोत खेमे ने भी सचिन पर बहुत तीखा हमला नहीं किया है। सचिन की वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से आज मुलाकात के बाद तस्वीर और साफ होगी।
सचिन पायलट आज पार्टी के किन नेताओं से मिलेंगे, यह साफ नहीं है। एनडीटीवी को पार्टी के सूत्रों ने बताया कि पायलट पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से भी मिलने की कोशिश कर करेंगे। सचिन ने जब कल अनशन शुरू किया तो उन्होंने मंच पर कांग्रेस के नाम या प्रतीक का रत्तीभर भी इस्तेमाल नहीं किया। यह सब रणनीतिक था।
कांग्रेस और सचिन पायलट कह सकते हैं कि उनका अनशन व्यक्तिगत रूप से था, उन्होंने पार्टी के मंच का इस्तेमाल नहीं किया। यह स्थिति उन्हें पार्टी से निलंबित करने से शायद बचा ले। सचिन लंबे समय तक खुद भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं। वो शायद इस बारीकी को जानते होंगे। बहरहाल, जैसे-जैसे दिन चढ़ेगा, वैसे-वैसे राजस्थान कांग्रेस की राजनीतिक तस्वीर साफ होगी। सचिन के सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन में राज्य के किसी भी कांग्रेसी नेता ने भाग नहीं लिया।
सचिन का अनशन शुरू होते ही अशोक गहलोत ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपनी सरकार की कल्याणकारी नीतियों के बारे में बताया था। उन्होंने पायलट के “भ्रष्टाचार धर्मयुद्ध” का मुकाबला करने का प्रयास करते हुए एक “गरीब समर्थक, आम आदमी के मुख्यमंत्री” के बारे में बताया था। गहलोत ने महंगाई को चुनावी मुद्दा घोषित करते हुए कहा था - "राजस्थान 2029 तक नंबर 1 होगा।"
बहरहाल, राजस्थान की इस राजनीतिक लड़ाई से कांग्रेस बहुत शर्मिंदा किया है क्योंकि यह सब ऐन चुनाव से पहले हो रहा है। खासकर तब जब पार्टी दोनों खेमों से एकजुटता की उम्मीद कर रही है। अशोक गहलोत के साथ पायलट के हालिया टकराव को राजस्थान में पार्टी का प्रमुख चेहरा कौन होगा, इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बनाने के उनके प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि पायलट खेमा चाहता है कि इस बारे में पार्टी ठोस आश्वासन दे कि वो इस बार चुनाव जीतने के बाद पायलट को प्रदेश की बागडोर सौंपेगी।
सचिन पायलट को सलाह
इस बीच, राजस्थान से सांसद हनुमान बेनीवाल ने सचिन पायलट को सलाह दी है कि वो कांग्रेस से बाहर निकलें और अलग पार्टी बनाकर उनकी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) से समझौता करें। फिर दोनों मिलकर राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी को चुनौती देंगे। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि सचिन की कांग्रेस में बहुत बेइज्जती हो रही है। अलग होकर पार्टी बनाना ही एकमात्र रास्ता है। इस समय कांग्रेस और बीजेपी में जबरदस्त फूट और गुटबाजी है, सचिन को इसका फायदा मिल सकता है। बता दें कि हनुमान बेनीवाल का आम आदमी पार्टी से भी समझौता हो चुका है और बेनीवाल इस बार राजस्थान में चुनावी लड़ाई को त्रिकोणीय बनाना चाहते हैं। इसीलिए वो पायलट को बिन मांगी सलाह दे रहे हैं।