चुनावी सर्वेक्ष में राजस्थान में बेशक भाजपा की सरकार बन गई हो और अशोक गहलोत को सबसे लोकप्रिय नेता बताया जा रहा हो लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि दोनों ही दल असंतुष्टों का जबरदस्त सामना कर रहे हैं। दोनों ही दलों में नेता बगावत कर रहे हैं। कोई भी दल किसी से पीछे नहीं है।
राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी विश्वासपात्र यूनुस खान ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद बीजेपी छोड़ दी है। खान अब डीडवाना से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे.
भाजपा की तीसरी सूची से यूनुस खान का नाम हटा दिया गया। पार्टी ने डीडवाना से जीतेंद्र सिंह जोधा को मैदान में उतारा है। यूनुस खान डीडवाना से दो बार विधायक रह चुके हैं। पार्टी से अलग होने के बाद यूनुस खान ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए डीडवाना से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी।
पिछले महीने, राजस्थान भाजपा के कई नेताओं ने पार्टी द्वारा पहली उम्मीदवार सूची की घोषणा के बाद विरोध प्रदर्शन किया था। एक मामले में तो टिकट के दावेदार के समर्थकों ने पार्टी के झंडे भी जला दिये। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के राज्य मुख्यालय और उन 41 निर्वाचन क्षेत्रों में से कुछ में विरोध प्रदर्शन किया गया। बीजेपी ने इस मामले की जांच के लिए केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय समिति बनाई है।
झोटवाड़ा सीट से पूर्व बीजेपी विधायक राजपाल सिंह शेखावत के समर्थकों ने इस सीट से बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की उम्मीदवारी का विरोध किया। पूर्व मंत्री शेखावत को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का भी करीबी बताया जाता है और टिकट कटने के बाद उन्होंने मुलाकात की थी।
टिकट से वंचित एक अन्य भाजपा नेता मुकेश गोयल ने दावा किया कि पार्टी को कोटपूतली में भारी हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ''राजस्थान में बीजेपी 40-50 सीटों तक ही सीमित रहेगी।'' गोयल के समर्थकों ने सीट के लिए हंसराज पटेल की उम्मीदवारी के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करने के लिए पार्टी के झंडे जलाए।
कांग्रेस में भी माहौल गरम, RLD से समझौता
कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान चुनाव 2023 के लिए 22 उम्मीदवारों की अपनी छठी सूची घोषित कर दी है। नवीनतम सूची में, कांग्रेस पार्टी ने जयपुर में अपने हवा महल निर्वाचन क्षेत्र से सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग मंत्री महेश जोशी को टिकट देने से इनकार कर दिया है। जोशी की जगह आर आर तिवारी को मैदान में उतारा गया है। राजस्थान में कांग्रेस ने जयंत चौधरी की आरएलडी से समझौता कर लिया है और फिलहाल भरतपुर सीट आरएलडी के लिए छोड़ दी है।
पिछले साल सितंबर में जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने और सचिन पायलट का विरोध करने के लिए धारीवाल के आवास पर एक समानांतर बैठक आयोजित करने के बाद जोशी को अनुशासनहीनता के लिए पार्टी ने नोटिस दिया था।
22 उम्मीदवारों की अपनी नवीनतम सूची में, पार्टी ने संगरिया से अभिमन्यु पूनिया, सूरसागर से शहजाद खान, भीलवाड़ा से ओम नारायणीवाल और लाडपुरा से नईमुद्दीन गुड्डु को टिकट दिया है। अब तक पार्टी ने कुल 200 में से 178 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने भरतपुर सीट राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के लिए छोड़ दी है।
राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों पर 25 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।