कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान के दौरान केंद्र पर तीखा हमला किया। उन्होंने बीजेपी सरकार पर लोगों की जासूसी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर हमला किया गया है। उन्होंने दावा किया कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल उनके फोन में जासूसी करने के लिए किया जा रहा था।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि उन्हें खुफिया अधिकारियों द्वारा फोन पर बात करते समय सचेत रहने की चेतावनी दी गई थी क्योंकि उनकी कॉल रिकॉर्ड की जा रही थी। उन्होंने कैंब्रिज में 'लर्निंग टू लिसेन इन द 21स्ट सेंचुरी' विषय पर व्याख्यान दिया। कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने राहुल गांधी के संबोधन का लिंक साझा किया है।
राहुल ने अपने संबोधन में कहा, "मेरे खुद के फ़ोन पर पेगासस था। बड़ी संख्या में राजनेताओं के फ़ोन पर पेगासस था। मुझे खुफिया अधिकारियों ने फोन किया था और मुझसे कहा था, 'कृपया इस बात से सावधान रहें कि आप फोन पर क्या कह रहे हैं क्योंकि हम एक तरह से रिकॉर्ड कर रहे हैं। तो यह वह निरंतर दबाव है जो हम महसूस करते हैं। विपक्ष पर मुक़दमे। मेरे ऊपर कई आपराधिक मुक़दमे हैं जो किसी भी परिस्थिति में आपराधिक वाले मामले नहीं होने चाहिए। यही वह चीज है जिससे हम बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं।'
पांच महीने की भारत जोड़ो यात्रा के समाप्त होने के बाद राहुल गांधी बुधवार के कैंब्रिज विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्होंने एक लेक्चर दिया और वहां के छात्रों के साथ संवाद किया। गांधी ने क्रैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपने व्याख्यान में दुनिया में लोकतांत्रिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए एक ऐसी नई सोच का आह्वान किया जिसे दूसरों पर थोपा न गया हो।
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि देश में संसद, प्रेस और न्यायपालिका पर दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने कहा, 'हर कोई जानता है और यह बहुत खबरों में है कि भारतीय लोकतंत्र दबाव में है और उस पर हमले हो रहे हैं। हम भारतीय लोकतंत्र के मूल ढांचे पर हमले का सामना कर रहे हैं।'
पेगासस पर राहुल गांधी के हमले की बीजेपी ने तीखी आलोचना की है। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'राहुल गांधी को झूठ बोलने और भारत को बदनाम करने की आदत है। यह कांग्रेस पार्टी के एजेंडे पर सवाल उठाता है।' उन्होंने कहा कि पेगासस पर राहुल जी की क्या मजबूरी थी कि उन्होंने अपना फोन नहीं जमा करवाया। उन्होंने पूछा कि उनके फोन में ऐसा क्या था कि उन्होंने फोन नहीं जमा कराया। उन्होंने कहा कि विदेशी धरती पर देश को बदनाम करने की साजिश है।
बता दें कि पिछले साल अगस्त में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने निष्कर्ष निकाला था कि उसके द्वारा जांचे गए 29 मोबाइल फोन में स्पाइवेयर नहीं पाया गया था, लेकिन पाँच मोबाइल फोन में मैलवेयर पाया गया था। सरकार द्वारा जासूसी के लिए कथित तौर पर पेगासस का उपयोग करने के आरोपों की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर समिति गठित की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने समिति की रिपोर्ट को पढ़ते हुए कहा था, 'हम तकनीकी समिति की रिपोर्ट के बारे में चिंतित हैं... 29 फोन दिए गए और पांच फोन में कुछ मैलवेयर पाए गए लेकिन तकनीकी समिति का कहना है कि इसे पेगासस नहीं कहा जा सकता है।'