प्रियंका गांधी वायनाड से अपनी चुनावी राजनीतिक पारी की शुरुआत करेंगी। राहुल गांधी वायनाड सीट को छोड़ रहे हैं और वह रायबरेली सीट को अपने पास रखेंगे। इसकी आधिकारिक घोषणा हो गई। राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली के साथ ही केरल की वायनाड सीट, दोनों जगहों से लोकसभा का चुनाव जीता है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन फ़ैसलों की घोषणा की। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी जी रायबरेली की सीट से सांसद रहेंगे। वे वायनाड से भी चुनाव लड़े, वहां के लोगों का प्यार भी उन्हें मिला है। इसलिए हमने यह तय किया कि वायनाड से प्रियंका गांधी जी चुनाव लड़ेंगी।'
प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी या नहीं, इस पर कयास कम से कम 2019 के लोकसभा चुनावों से ही लगाए जाते रहे हैं। पिछले चुनाव में ही ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में पीएम मोदी को चुनौती दे सकती हैं। 2024 के चुनावों से पहले सोनिया गांधी द्वारा रायबरेली सीट छोड़े जाने पर फिर से अटकलें लगाई जाने लगीं कि प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी और राहुल भाजपा की स्मृति ईरानी से अमेठी को वापस जीतने के लिए लड़ेंगे।
हालाँकि, प्रियंका ने तब लोकसभा का चुनाव न लड़ने का फ़ैसला किया था। तब उनके क़रीबी सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि उन्होंने यह फैसला इसलिए किया क्योंकि अगर वह भी लोकसभा चुनाव जीत जातीं तो इससे भाजपा के वंशवादी राजनीति के आरोप को बल मिलता। इसी के बाद राहुल वायनाड से लड़े और अमेठी से गांधी परिवार के क़रीबी केएल शर्मा को उतारा गया।
लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से राहुल गांधी पार्टी की जीत के लिए प्रियंका की तारीफ़ करते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने रायबरेली में मंच से जीत के लिए प्रियंका को बड़ा श्रेय दिया था।
वैसे, प्रियंका ने अपना ज़्यादातर समय रायबरेली और अमेठी में प्रचार में बिताया था। दोनों ही सीटों पर उनकी पार्टी ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। रायबरेली से भले ही राहुल खड़े थे, लेकिन चुनाव प्रचार के मोर्चे पर प्रियंका डटी थीं।
अमेठी में भी प्रियंका ने भी प्रचार की कमान संभाल रखी थी। जब लोकसभा के नतीजे आए तो समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन ने उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 43 सीटें जीतकर भाजपा को चौंका दिया। कांग्रेस ने 2019 की अपनी एक सीट से इस बार बढ़ाकर छह सीटें कर ली हैं। पिछली बार 62 सीटें जीतने वाली भाजपा इस बार 33 सीटों पर सिमट गई। बीजेपी की सीटें समाजवादी पार्टी की 37 सीटों से चार कम हैं। पूरे देश में इस बार कांग्रेस की सीटें 99 पहुँच गई हैं।
बहरहाल, राहुल और प्रियंका के बारे में घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेता साथ थे। कांग्रेस की उच्चस्तरीय बैठक के बाद इन फ़ैसलों की घोषणा करते हुए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कौन सी सीट खाली करनी है, इस पर फैसला अभी लिया गया है क्योंकि ऐसा करने का आखिरी दिन मंगलवार है।
उन्होंने कहा, 'पार्टी ने फैसला किया है कि राहुल गांधी को रायबरेली सीट अपने पास रखनी चाहिए क्योंकि यह सीट उनके और उनके परिवार के लिए पीढ़ियों से करीबी रही है। इस सीट के लोगों और कांग्रेस के लोगों को लगता है कि यह पार्टी के लिए भी अच्छा होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें वायनाड के लोगों से प्यार मिला है और वहां के लोग चाहते हैं कि वह सीट बरकरार रखें। लेकिन नियम इसकी इजाजत नहीं देते। इसलिए हमने फैसला किया है कि प्रियंका जी वायनाड से चुनाव लड़ेंगी।'
अमेठी, रायबरेली और अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस की सफलता के लिए प्रियंका गांधी को धन्यवाद देते हुए खड़गे ने कहा, "प्रियंका गांधी ने कहा था 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' और यह लड़की अब वहां से चुनाव लड़ सकती है।" जब एक पत्रकार ने खड़गे के इस पूर्व दावे के बारे में पूछा कि यदि राहुल गांधी कांग्रेस कार्यसमिति के निर्णय का पालन नहीं करते हैं तो वे अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करेंगे, तो पार्टी अध्यक्ष ने टालने की कोशिश की, लेकिन राहुल ने माहौल को हलका करते हुए कहा कि 'धमकी दी गई है'।
प्रियंका गांधी ने कहा कि वह वायनाड के लोगों को राहुल की कमी महसूस नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा, 'मैं वायनाड का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होने के कारण बहुत खुश हूं और मैं लोगों को उनकी कमी महसूस नहीं होने दूंगी। मैं कड़ी मेहनत करूंगी और सभी को खुश करने और एक अच्छा प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी। रायबरेली और अमेठी से मेरा बहुत पुराना रिश्ता है और इसे तोड़ा नहीं जा सकता। मैं रायबरेली में अपने भाई की भी मदद करूंगी। हम दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे।'