चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अहम बयान दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि प्रशांत किशोर देश के अंदर ब्रांड बन चुके हैं।
उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर 2014 में नरेंद्र मोदी के साथ थे, उसके बाद वह नीतीश कुमार के साथ होते हुए कांग्रेस के भी साथ रहे और कई अन्य नेताओं के साथ भी उन्होंने काम किया।
गहलोत ने कहा कि प्रशांत किशोर का अनुभव विपक्ष को एकजुट करने में काम आ सकता है। उन्होंने रामनवमी के दौरान कई राज्यों में हुई हिंसा की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिस तरह की राजनीति हो रही है वह बेहद खतरनाक है और लोगों को इसे लेकर सतर्क रहना चाहिए।
सोनिया कर रहीं बैठकें
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 4 दिन में तीन बार प्रशांत किशोर के साथ बैठक कर चुकी हैं। कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर को कांग्रेस 2022 और 2023 के चुनावी राज्यों के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी अहम जिम्मेदारी दे सकती है।कामयाब रहे हैं किशोर
निश्चित रूप से प्रशांत किशोर का चुनाव रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा है और कुछ मौकों को छोड़कर वह अधिकतर मौकों पर कामयाब रहे हैं। प्रशांत किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए काम करने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी समेत तमाम नेताओं के साथ सफलतापूर्वक काम कर चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस के लिए भी काम किया है।
निराश है कांग्रेस
कांग्रेस को हाल में पांच राज्यों के चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद पार्टी के अंदर जबरदस्त निराशा है और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही हैं। सोनिया लगातार पार्टी के आला नेताओं के साथ बैठक कर रही हैं और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल किया जाए या नहीं और उन्हें क्या जिम्मेदारी दी जाए इस बारे में भी पार्टी नेताओं के साथ चर्चा कर रही हैं।
अशोक गहलोत का प्रशांत किशोर के समर्थन में यह बयान देना इस बात को दिखाता है कि कांग्रेस के अंदर प्रशांत किशोर की एंट्री हो सकती है। प्रशांत किशोर की कांग्रेस में एंट्री होने की खबरें पिछले साल भी चर्चा में थीं लेकिन तब ऐसा नहीं हो सका था। कांग्रेस के कुछ नेताओं को उम्मीद है कि प्रशांत किशोर अपने रणनीतिक कौशल से पार्टी को सहारा दे सकते हैं।
कांग्रेस को 2022 और 2023 के चुनावी राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करना ही होगा वरना 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के किसी मजबूत फ्रंट की कयादत करने का उसका दावा बेहद कमजोर पड़ जाएगा।
ऐसे में सोनिया गांधी प्रशांत किशोर की कांग्रेस में एंट्री को हरी झंडी दे सकती हैं और उन्हें चुनावी लिहाज से संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।