कांग्रेस ने कहा- पार्टी में शामिल हों प्रशांत किशोर 

04:37 pm Apr 16, 2022 | सत्य ब्यूरो

कांग्रेस ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से कहा है कि वह पार्टी में शामिल हों और सलाहकार के रूप में काम न करें। शनिवार को प्रशांत किशोर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की।

सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा जताई है और पार्टी की कमजोरियों पर और सुधार के लिए क्या कुछ किया जाना चाहिए, इसे लेकर प्रजेंटेशन भी कांग्रेस नेतृत्व को दिया है। जैसे कि कांग्रेस को लोकसभा की 543 में से 370 सीटों पर फोकस करना चाहिए। 

एनडीटीवी के मुताबिक, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रशांत किशोर ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भी एक प्रजेंटेशन दिया है और पार्टी उनके सुझावों और विचारों पर काम करने के लिए एक कमेटी का गठन करेगी।

सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर हुई बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, अजय माकन, प्रियंका गांधी वाड्रा, पी. चिदंबरम और रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद रहे।

एनडीटीवी के मुताबिक, प्रशांत किशोर के नजदीकी लोगों का कहना है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व और प्रशांत किशोर गुजरात विधानसभा चुनाव से ज्यादा 2024 के आम चुनाव को लेकर बातचीत कर रहे हैं।

पिछले साल भी सियासी गलियारों में यह चर्चा थी कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। तब उनकी गांधी परिवार से मुलाकात भी हुई थी लेकिन वह कांग्रेस में शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद प्रशांत किशोर ने कांग्रेस और राहुल गांधी को लेकर कुछ अप्रिय टिप्पणियां भी की थी।

ऐसे में सवाल उठता है कि प्रशांत किशोर आखिर अब कांग्रेस में क्यों शामिल होना चाहते हैं। वह भी तब जब पांच राज्यों में हार के बाद कांग्रेस और कमजोर हुई है। 

प्रशांत किशोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई दिग्गजों के लिए चुनावी रणनीति बना चुके हैं।

यह भी चर्चा आम रही है कि प्रशांत किशोर कांग्रेस संगठन में कोई बड़ा पद चाहते हैं लेकिन कांग्रेस के कई नेता इसके लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व के द्वारा कांग्रेस में शामिल होने के ऑफर को क्या प्रशांत किशोर स्वीकार करेंगे, इस पर तमाम राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें लगी हुई हैं।