मध्य प्रदेश में भाजपा प्रधानमंत्री मोदी को अब रैलियों में बुलाने की बजाय पार्टी के कार्यक्रमों में बुला रही है। पीएम मोदी इससे पहले भी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर चुके हैं। लेकिन सोमवार 25 सितंबर को मोदी जन आशीर्वाद यात्राओं के समापन के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के "महाकुंभ" में भोपाल आ रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी डी शर्मा का दावा है कि भोपाल के जंबूरी मैदान में लगभग 10 लाख पार्टी कार्यकर्ता इकट्ठा होंगे। मोदी आगामी विधानसभा चुनावों में "जीत के मंत्र" पर भाषण देंगे। भाजपा ने इस महीने की शुरुआत में 10,000 किलोमीटर से अधिक की पांच यात्राएं निकालीं। सोमवार की यात्रा पिछले 45 दिनों में राज्य में मोदी की तीसरी यात्रा है। यह साफ है कि एमपी में भी भाजपा मोदी के नाम पर चुनाव लड़ना चाहती है। लेकिन एमपी भाजपा में इतनी गुटबाजी हावी है कि राज्य में उसकी स्थिति दिनोंदिन कमजोर हो रही है।
मोदी जयपुर में परिवर्तन संकल्प महासभा को भी सोमवार को ही संबोधित करने वाले हैं। इस महीने की शुरुआत में, भाजपा ने कांग्रेस सरकार की "विफलताओं" को उजागर करने के लिए चार परिवर्तन संकल्प यात्राएँ शुरू कीं। मोदी भारतीय जनसंघ के नेता दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनाने के लिए जयपुर जिले में उनकी जन्मस्थली धानक्या भी जाएंगे। लेकिन राजस्थान में भी भाजपा की संकल्प यात्राओं को असंतुष्ट नेता वसुंधरा राजे ने जबरदस्त झटका दिया। वो पिछले 15 दिनों से राजस्थान के राजनीतिक मंच से गायब हैं। पिछली तीन परिवर्तन यात्राओं में से वो एक भी यात्रा में शामिल नहीं हुईं। इसका असर भी पड़ा। राजस्थान भाजपा भी सीएम चेहरे को लेकर संकट से जूझ रही है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे खुद को सीएम चेहरा नहीं बनाए जाने पर नाराज हैं। जबकि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के बारे में खबर उड़ी हुई है कि भाजपा जीती तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। जबकि मेघवाल पर भाजपा के नेता खुलकर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं।
उधर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सोमवार 25 सितंबर को तीसरी बार छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। वो बिलासपुर में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करने और सीएम भूपेश बघेल के साथ मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास न्याय योजना की शुरुआत करेंगे। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेघरों और कच्चे घरों वाले परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अधिक योजनाओं की घोषणा करने के लिए 28 सितंबर को फिर से राज्य का दौरा करेंगे। पिछले हफ्ते कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भिलाई में महिला कल्याण पर एक सार्वजनिक रैली को संबोधित किया था। छत्तीसगढ़ में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
बेशक इंडिया गठबंधन बन गया है लेकिन उसमें शामिल पार्टियां दूसरे राज्यों में अपनी संभावनाएं तलाशने से पीछे नहीं हट रही हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव भी सोमवार को छत्तीसगढ़ में अपनी पार्टी का चुनाव अभियान शुरू करने के लिए आ रहे हैं। सपा यूपी से बाहर निकलकर विस्तार करना चाहती है। यादव रायपुर में एक रैली को संबोधित करेंगे, पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक की अध्यक्षता करेंगे और उनके बघेल से भी मिलने की संभावना है।
ओडिशा में, कांग्रेस नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की "विफलताओं" को उजागर करने के लिए सभी पंचायतों में 20 दिवसीय पदयात्रा शुरू करेगी।
हरियाणा में भी माहौल गरम
हरियाणा में पूर्व उप प्रधान मंत्री देवीलाल का परिवार दो राजनीतिक दलों इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) में बंटा हुआ है। हरियाणा में ताऊ कहे जाने वाले चौधरी देवीलाल की सोमवार 25 सितंबर को 110वीं जयंती मनाई जा रही है। राज्य में बीजेपी की सहयोगी जेजेपी इस मौके पर राजस्थान में एक रैली के साथ अपने राजनीतिक कदम का विस्तार करने जा रही है।हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और उनके पिता अजय चौटाला, राजस्थान के सीकर में एक रैली के साथ देवी लाल की जयंती मनाएंगे, जहां से देवीलाल ने अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी।दूसरी तरफ देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अभय चौटाला सोमवार को कैथल में एक कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में इंडिया गठबंधन के टॉप नेता शरद पवार, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, फारूक अब्दुल्ला, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव और सीताराम येचुरी आदि के आने की उम्मीद है।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव 2024 के आसपास ही होंगे। लेकिन राज्य में कांग्रेस की स्थिति बहुत मजबूत मानी जा रही है। राज्य में त्रिकोणीय मुकाबला तय है। कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर में देवीलाल खानदान की कोई न कोई पार्टी तीसरे दल के रूप में इस चुनावी संघर्ष में शामिल होगी। नीतीश कुमार चाहते हैं कि ओमप्रकाश चौटाला की आईएनएलडी इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन जाए, लेकिन इसके लिए कांग्रेस बहुत उत्साहित नहीं है। दूसरी तरफ चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला और पोते दुष्यंत चौटाला अब भाजपा से अपने गठबंधन पर फिर से विचार कर रहे हैं। यानी जरूरी नहीं कि जेजेपी भाजपा के साथ मिलकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़े।