प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम 6:30 बजे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई है। हालांकि आमतौर पर संसद सत्र के दौरान कैबिनेट मीटिंग नहीं होती है। और यह तो संसद का विशेष सत्र है। शाम की बैठक संसदीय सौध में होगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कैबिनेट बैठक का एजेंडा अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन उम्मीद है कि विशेष सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले प्रमुख विधेयकों पर चर्चा होने की संभावना है। आमतौर पर कैबिनेट मीटिंग का एजेंडा पहले ही सभी मंत्रियों को भेज दिया जाता है, ताकि वो पूरी तैयारी करके आएं। लेकिन सोमवार शाम की कैबिनेट मीटिंग अचानक ही बुलाई गई है।
इससे पहले भी जब संसद का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा हुई तो विपक्षी दलों ने विशेष सत्र का एजेंडा पूछा लेकिन विपक्ष को बताया नहीं गया। विशेष सत्र का सोमवार को पहला दिन है, लेकिन संसद में पीएम मोदी के भाषण से यह जाहिर नहीं हुआ कि विशेष सत्र किसलिए बुलाया गया है।
सरकार ने विपक्ष के सवालों पर कहा था कि एजेंडा बताने की कोई परंपरा नहीं रही है। अलबत्ता केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट के जरिए बताया कि पांच दिवसीय विशेष सत्र में आठ विधेयकों पर चर्चा होगी।
जिन विधेयकों पर चर्चा होगी, उनमें अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023; प्रेस पंजीकरण विधेयक, 2023; डाकघर विधेयक, 2023, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023, वरिष्ठ नागरिकों पर विधेयक और एससी/एसटी आदेश से संबंधित तीन।
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कहा जा रहा है कि पीएम मोदी अपने मंत्रियों को भी हैरान करने वाले हैं और कुछ विशेष कदम उठाने पर फैसला हो सकता है। इसीलिए पहले से कैबिनेट मीटिंग का भी एजेंडा जारी नहीं किया गया है।
दो मुद्दों के संसद के विशेष सत्र में उठाए जाने की अफवाह थी। उनमें 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक और इंडिया का नाम बदलकर भारत करने का संभावित प्रस्ताव था। हालाँकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान अभी तक सरकार की ओर से नहीं आया है।
बहरहाल, सोमवार 18 सितंबर से शुरू हुआ संसद का विशेष सत्र 22 सितंबर तक चलेगा। मंगलवार को संसद का कामकाज नए भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।