उदयपुर में हो रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर के बाद पार्टी में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने कहा है कि पार्टी के अंदर इस बात पर सहमति बन चुकी है कि ‘एक परिवार एक टिकट’ का नियम लागू किया जाएगा। हालांकि इसमें शर्त यह है कि अगर किसी परिवार में किसी दूसरे शख्स को टिकट दिया जाता है तो वह कम से कम पार्टी के लिए 5 साल तक काम कर चुका हो।
यह पूछे जाने पर कि क्या गांधी परिवार को ‘एक परिवार एक टिकट’ के नियम से छूट दी जाएगी, इस पर माकन ने कहा कि प्रियंका गांधी ने पार्टी के लिए 2018 में काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि 5 साल वाला नियम उन परिवारों पर लागू होगा जो राजनीति में सीधे उम्मीदवार के तौर पर उतरना चाहते हैं।
कांग्रेस संगठन में ऐसे नेताओं को जो 50 साल की उम्र से नीचे हैं उन्हें पार्टी संगठन में सभी स्तरों पर 50 फीसद आरक्षण दिया जाएगा और इसे कांग्रेस कार्य समिति यानी सीडब्ल्यूसी के लिए भी लागू किया जाएगा।
माकन ने कहा कि अक्सर यह बात सामने आती है कि पार्टी के लिए काम करने वाले नेताओं को सम्मान नहीं मिलता है और ऐसे नेता जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं है उनकी जिम्मेदारी तय नहीं की जाती है इसलिए पार्टी एक असेसमेंट विंग बनाने जा रही है जो नेताओं के प्रदर्शन का आकलन करेगी। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं।
इससे पहले 1998 में पचमढ़ी, 2003 में शिमला और 2013 में जयपुर में चिंतन शिविर आयोजित किया गया था।
चिंतन शिविर में शामिल होने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ट्रेन से उदयपुर पहुंचे।
कुछ दिन पहले हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा था कि वह सभी नेताओं से पूरा सहयोग देने का अनुरोध करती हैं जिससे उदयपुर के चिंतन शिविर से पार्टी की एकजुटता, दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता का संदेश साफ और जोरदार ढंग से सामने आए।