बीएसपी प्रमुख मायावती ने रविवार को साफ़ कर दिया कि वो विपक्षी एकता की किसी भी कोशिश में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि 2023 में होने वाले कुछ राज्यों के चुनाव में बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी और किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होगी।
मायावती का आज रविवार को जन्मदिन है जिसे जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस मौक़े पर मायावती को बधाई देने पार्टी कार्यकर्ता जमा हुए थे। मायावती ने मीडिया से बातचीत भी की।
बीएसपी प्रमुख ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमला जारी रखते हुए कार्यकर्ताओं से 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारी शुरू करने का आह्वान किया। मायावती आज 67 साल की हो गईं। बीएसपी ने हाल के चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन किया है। 2019 का लोकसभा चुनाव बीएसपी ने सपा के साथ गठबंधन करके लड़ा था। अब जबकि उनके पूर्व सहयोगी समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव सहित कई विपक्षी नेता अगले राष्ट्रीय चुनावों से पहले बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं, मायावती ने सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना के बावजूद विपक्षी एकता से दूरी बनाए रखी है।
रविवार को मीडिया से बातचीत में मायावती ने कहा कि बीएसपी आगामी राज्य के चुनावों या 2024 के राष्ट्रीय चुनावों के लिए किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। आने वाले महीनों में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, बीएसपी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक विधानसभा चुनाव के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
उत्तराखंड के जोशीमठ शहर के डूबने के संदर्भ में उन्होंने कहा- बीजेपी सरकार की गलत नीतियों के कारण लोग प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे हैं एक सवाल पर बीएसपी प्रमुख ने कहा- केंद्रीय जाँच एजेंसियों का राजनीतिकरण कर दिया गया है।
उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा- 1984 के बाद से बैलेट पेपर के मुक़ाबले ईवीएम के इस्तेमाल के साथ ही पार्टी का मतदान प्रतिशत नीचे चला गया है। विभिन्न देशों में ईवीएम को वापस ले लिया जा चुका है और मतपत्रों का उपयोग किया जा रहा है। मैंने चुनाव आयोग से बैलेट पेपर के इस्तेमाल का आग्रह किया है। बाक़ी राजनीतिक दलों ने भी मतदान में ईवीएम के इस्तेमाल पर संदेह जताया है।
उन्होंने कांग्रेस और अखिलेश यादव की सपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा ओबीसी, एससी/एसटी के लिए आरक्षण लागू नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने ओबीसी, एससी और एसटी समुदाय को भी धोखा दिया है।