बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच तेज़ हो रही जुबानी जंग में बात अब परिवारों तक पहुंच गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को निशाने पर लेने के बाद ममता ने भी शाह के बेटे जय शाह को बीच में लाकर इसका जोरदार जवाब दिया है।
दो दिन के बंगाल दौरे पर पहुंचे शाह ने गुरूवार को कूच बिहार में कहा था, “मोदी सरकार ग़रीबों के कल्याण के लिए है जबकि ममता सरकार भतीजे के कल्याण के लिए है। अगर दिलीप घोष यहां लड़ाई नहीं लड़ रहे होते तो वो वह अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनाने का एलान कर देतीं।”
शाह के इस बयान पर ममता ने कहा, “वे बुआ-भतीजा कह रहे हैं। लेकिन आपके बेटे के बारे में क्या। उसने इतना पैसा कहां से कमाया। पहले इसका जवाब दीजिए।” ममता ने चेतावनी देते हुए कहा कि दीदी से जो टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा।
इसके बाद ठाकुर नगर में आयोजित रैली में शाह ने कहा कि कुछ वजहों से उनका पिछला दौरा रद्द हो गया था और इससे दीदी बहुत ख़ुश हुई थीं। शाह ने कहा कि वह अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने तक यहां आते रहेंगे। इस पर ममता ने फिर जवाब दिया और कहा कि वे प्रचार करने के लिए यहां आएं लेकिन उन्हें धमकाने की कोशिश न करें।
आने वाले कुछ महीनों में पांच राज्यों - तमिलनाडु, केरल, असम, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें बंगाल में जोरदार चुनावी मुक़ाबला देखने को मिल रहा है।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के आला नेताओं के तूफानी दौरों के जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी जनसभाओं, रैलियों के जरिये लोगों तक पहुंच रही हैं। लेकिन पार्टी छोड़ रहे नेता उनकी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। टीएमसी छोड़ने वालों की लाइन लगी हुई है। एक महीने के भीतर कई मंत्री, विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं।
‘200 से ज़्यादा सीटें जीतेंगे’
अमित शाह ने हाल ही में हुई एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि ममता बनर्जी ने मां, माटी, मानुष के नारे को तुष्टिकरण और भतीजावाद में बदल दिया है। उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 18 सीटें मिलीं और विधानसभा चुनाव में हम 200 से ज़्यादा सीटें जीतेंगे और सरकार बनाएंगे।
‘221 सीटें जीतने का दावा’
ममता ने भी अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा है कि हिम्मत है तो उनके ख़िलाफ़ नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ कर दिखाएं। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की जीत ही नहीं, पूर्ण बहुमत हासिल करने और 221 सीटें जीतने का दावा भी किया।
बीजेपी ममता पर तुष्टिकरण का आरोप लगाती है तो ममता बनर्जी बीजेपी पर नफ़रत की राजनीति करने का। ममता ने कहा है कि इस तरह की चीजें रबिंद्रनाथ टैगोर के सोनार बांग्ला की धरती पर जीत नहीं दिला सकती हैं।
जय शाह
अमित शाह के बेटे जय शाह तब सुर्खियों में आए थे जब 'द वायर' ने यह स्टोरी की थी कि एनडीए के सत्ता में आने के एक साल बाद जय शाह की कंपनी का कारोबार 16,000 गुना बढ़ गया था। जय शाह ने इस ख़बर को लिखने वालीं पत्रकार रोहिणी सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुक़दमा भी दायर किया था। जय शाह को हाल ही में एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) का अध्यक्ष चुना गया था। इससे पहले वह बीसीसीआई के सचिव थे।
कारवां मैगजीन ने भी जय शाह की आय पर स्टोरी की थी और कहा था कि कॉरपोरेट मंत्रालय की वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक़ जय शाह की कंपनी कुसुम फिनसर्व एलएलपी की 2014 में आय 79.60 लाख थी जो 2019 में बढ़कर 119.61 करोड़ हो गयी थी। कांग्रेस ने भी कई बार जय शाह की इनकम बढ़ने को लेकर सवाल पूछे थे।
अभिषेक बनर्जी
ममता बनर्जी पर यह आरोप लगता है कि वह अभिषेक बनर्जी को मुख्यमंत्री बनाना चाहती हैं। 34 साल के अभिषेक कोलकाता की डायमंड हार्बर सीट से सांसद हैं और तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। हाल ही में टीएमसी छोड़कर गए कई दिग्गज नेताओं जैसे- शुभेंदु अधिकारी व कुछ अन्य को लेकर कहा जाता है कि वे ममता के अभिषेक को बढ़ावा देने से नाराज़ हैं और बीजेपी भी यही आरोप लगाती है कि ममता को सिर्फ़ अभिषेक बनर्जी की चिंता है।