विपक्षी दल इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक के बाद जेडीयू ने नीतीश कुमार को लेकर अपनी रणनीति बदल दी है। ऐसा लगता है कि जेडीयू ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति पर फिर से विचार किया है। जेडीयू पिछले कई महीनों से पार्टी सुप्रीमो और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को गठबंधन के पीएम चेहरे के रूप में पेश करना चाह रहा था। उसने दिल्ली बैठक से पहले इसके लिए पोस्टरबाजी तक कर डाली। इसका नतीजा यह हुआ कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बैठक में खड़गे के नाम का प्रस्ताव रख दिया। जबकि ममता पहले कह रही थीं कि 2024 का चुनाव जीतने के बाद यह फैसला होगा। जेडीयू को समझ आ गया कि अगर पार्टी नीतीश कुमार का नाम आगे करेगी तो बाकी दल भी अपनी पार्टी के नेता को पीएम चेहरे के रूप में पेश कर सकते हैं।
दरअसल, जेडीयू की पोस्टरबाजी से तुनकी ममता ने खड़गे के नाम का प्रस्ताव पेश कर दिया था, जिसे आम आदमी पार्टी केजरीवाल ने फौरन ही अनुमोदित कर दिया। उस समय नीतीश थोड़ा नाराज दिखे। उन्हें ममता की ओर से ऐसी उम्मीद नहीं थी। हालांकि हाल ही में लालू प्रसाद की आरजेडी और जेडीयू में भी थोड़ी तनातनी देखने को मिली थी लेकिन लालू हमेशा से इंडिया में नीतीश को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने के पक्ष में रहे हैं। खैर, खड़गे ने ममता के बयान से पैदा हुए हालात को संभाला। खड़गे ने साफ कह दिया कि अभी पीएम चेहरे पर कोई बात नहीं होना चाहिए। पहला लक्ष्य है चुनाव जीतना।
सूत्रों के मुताबिक जेडीयू ने अपने नेताओं से नीतीश को पीएम चेहरे के रूप में पेश करने या ऐसा सुझाव देने वाला कोई पोस्टर नहीं लगाने को कहा है। पार्टी नेताओं से कहा गया है कि वे अब केंद्र की नीतियों, पीएम मोदी और बिहार के साथ अन्याय आदि मुद्दों पर ज्यादा फोकस करें। इंडिया गठबंधन को लेकर कोई गलतबयानी न करें।
जेडीयू ने 29 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई है। इस बैठक में 2024 चुनाव का रोडमैप, सीट-बंटवारे, अभियान और रैलियों के अलावा जाति सर्वेक्षण और अनुसूचित जाति (एससी) और अत्यंत पिछड़े वर्गों (ईबीसी) से संबंधित मुद्दों पर विचार करेगी। नीतीश कई राज्यों का दौरा भी करने वाले हैं। जिसमें हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड प्रमुख हैं। यहां होने वाली यात्राओं की पार्टी समीक्षा भी करेगी।
राहुल-नीतीश का फोन संपर्क
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार शाम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संपर्क करने की कोशिश की। सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि राहुल की जेडीयू प्रमुख से बात नहीं हो सकी। बाद में जब नीतीश का फोन आया तो राहुल व्यस्त थे। अब दोनों की बातचीत शुक्रवार को किसी भी समय या फिर शनिवार को हो सकती है। लेकिन कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने नीतीश कुमार से बात की है। राहुल गांधी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात की है। इन सारे प्रयासों को इंडिया गठबंधन को एकजुट रखने की कोशिश बताया जा रहा है।
एनडीटीवी के मुताबिक बुधवार की बैठक में नीतीश का इंडिया के नेताओं के साथ कई मुद्दों पर टकराव हुआ। नीतीश कथित तौर पर आरजेडी के मनोज झा से भी नाराज हो गए, क्योंकि झा ने डीएमके के राजनीतिक नेताओं के लाभ के लिए उनके भाषण का हिंदी से तमिल में अनुवाद किया था। कुल मिलाकर बुधवार को इंडिया गठबंधन में जिस कथित दरार को तमाम टीवी चैनलों ने उभारा था, वो शुक्रवार को भर गई। क्योंकि शुक्रवार 22 दिसंबर को देशभर में इंडिया गठबंधन के दलों का प्रदर्शन हुआ। दिल्ली में जंतर मंतर पर पर खड़गे, राहुल, सीताराम येचुरी, शरद पवार, डी. राजा आदि ने पहुंचकर बता दिया कि गठबंधन एकजुट है।