तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन सोमवार को सामाजिक न्याय पर एक सम्मेलन कर रहे हैं और उसमें कई गैर-भाजपा दलों के नेता को बुलाया गया है। कहा जा रहा है कि इनमें वे दल भी शामिल हैं जो विपक्षी एकता से खुद को अलग रखते रहे हैं।
हालाँकि, अभी तक यह साफ़ नहीं है कि डीएमके नेता के उस आमंत्रण पर कौन-कौन से दलों के नेता शामिल होने जाएँगे, लेकिन कुछ दलों को लेकर संदेह बना हुआ है। आमंत्रित लोगों में बीजू जनता दल यानी बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी यानी वाईएसआरसीपी शामिल हैं। लेकिन सवाल है कि क्या ये दोनों दल उस बैठक में शामिल होंगे? ये दोनों दल अब तक विपक्षी एकता से बाहर ही रहे हैं। अधिकांश विपक्षी दल तर्क देते रहे हैं कि बीजेडी और वाईएसआरसीपी बड़े पैमाने पर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए के करीब रहना पसंद करते हैं और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के विरोध से बचते हैं।
सम्मेलन का विषय 'भारत में सामाजिक न्याय को आगे ले जाना' है। इस पर स्टालिन मुख्य वक्ता होंगे। ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस के बैनर तले आयोजित की जा रही बैठक में अन्य दलों के नेताओं को भी बोलने के लिए स्लॉट दिए जाएंगे।
द टेलीग्राफ ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि स्टालिन के अलावा, जिन नेताओं ने पहले ही अपनी उपस्थिति की पुष्टि कर दी है, उनमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, सीपीआई-एम महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के उनके समकक्ष डी राजा, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, टीआरएस नेता के केशव राव और राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल शामिल हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सम्मेलन में भाग लेने वाले एक दल के नेता ने कहा कि बीजेडी का प्रतिनिधित्व पार्टी के राज्यसभा के मुख्य सचेतक सस्मित पात्रा करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार संपर्क करने पर पात्रा ने कहा कि वह इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते कि बीजेडी सम्मेलन में भाग लेगा या नहीं। उन्होंने कहा, 'मुझे अपनी भागीदारी के बारे में कोई जानकारी नहीं है।' वाईएसआरसीपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पार्टी से कोई भी डीएमके कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा।
पिछले शुक्रवार को 14 विपक्षी दलों ने अपने नेताओं के खिलाफ सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय जाँच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अदालत 5 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट जाने वाली उन पार्टियों में बीआरएस, आप, टीएमसी, झामुमो, जनता दल (यूनाइटेड), राजद, सपा, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), एनसी, एनसीपी, कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई और डीएमके शामिल थे।
कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए उन पार्टियों को एक साथ लाने में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अहम भूमिका है। केजरीवाल के पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया को पिछले महीने सीबीआई ने और बाद में ईडी ने गिरफ्तार किया था।
मोदी सरनेम वाले बयान पर राहुल गांधी को गुजरात की एक सत्र अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा है कि 'विपक्षी नेताओं और पार्टियों पर मुक़दमे करके उन्हें ख़त्म करने की साज़िश हो रही है'।
केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ मतभेद होने की बात का ज़िक्र करते हुए कहा है कि भले ही उनके बीच में मतभेद हैं लेकिन राहुल जी को इस तरह मुक़दमे में फँसाना ठीक नहीं है।
आप प्रमुख का यह समर्थन चौंकाने वाला है। ऐसा इसलिए कि हाल में आप नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री मोदी को ख़त लिखने वाले विपक्षी दलों में कांग्रेस शामिल नहीं थी। इस महीने की शुरुआत में आठ विपक्षी दलों के नौ नेताओं ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ख़त लिखा था और कहा था कि बीजेपी में शामिल होने वाले भ्रष्ट राजनेताओं के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई।