सीडब्ल्यूसी की बैठक हैदराबाद में आज यानी शनिवार से शुरू हो रही है। दो दिनों तक यह बैठक चलेगी। पार्टी के पुनर्गठन और विपक्षी इंडिया गठबंधन बनने के बाद यह पहली बैठक है। आधिकारिक तौर पर तो सदस्यों को बताया गया है कि सीडब्ल्यूसी बैठक का एजेंडा 'देश में वर्तमान राजनीतिक स्थिति' और 'चुनाव' पर चर्चा है। लेकिन माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के साथ सीट बँटवारे को लेकर बेहद अहम चर्चा हो सकती है। ऐसा इसलिए कि गठबंधन के साथी जल्द से जल्द सीट बँटवारे पर स्थिति साफ़ करने के लिए दबाव डाल रहे हैं, जबकि माना जा रहा है कि कांग्रेस पाँच राज्यों के चुनाव तक इंतज़ार करने के पक्ष में है।
सीट बँटवारे को लेकर वैसे तो क़रीब-क़रीब हर राज्य में गठबंधन के साथियों से कांग्रेस की बातचीत होनी है, लेकिन सबसे ज़्यादा मुश्किल उसके लिए पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल है। ये तीन राज्य ऐसे हैं जहाँ मौजूदा सत्तारूढ़ दलों की वजह से कांग्रेस ख़राब हालत में है। दो राज्यों में आम आदमी पार्टी और एक राज्य में तृणमूल से कांग्रेस की राज्य यूनिट की खटपट रही है। कांग्रेस के लिए यहीं पर मुश्किल है क्योंकि केंद्रीय नेतृत्व तालमेल बिठाने के प्रयास में है जबकि स्थानीय ईकाई इसके पक्ष में दिखाई नहीं देती है।
कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व 'इंडिया' गठबंधन को लेकर उत्साहित है। लेकिन कांग्रेस के सामने अपनी पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल इकाइयों को राजी करने की चुनौती होगी। कांग्रेस नेतृत्व महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भी कड़ी सौदेबाजी की तैयारी कर रहा है।
एक और मुद्दा उठने की संभावना है, वह है नेताओं की मांग कि राहुल गांधी एक और यात्रा शुरू करें। उनके करीबी लोग इस बात पर जोर देते हैं कि वह वास्तव में लोकसभा चुनाव के करीब यानी विधानसभा चुनाव के बाद भारत जोड़ो यात्रा 2.0 पर निकलें। पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि उन्हें जल्द से जल्द सड़क पर आना चाहिए।
सीडब्ल्यूसी के सामने एक चुनौती सनातन धर्म के विवाद से निपटने की भी है। इंडिया गठबंधन के साथ डीएमके नेता के बयान के बाद बीजेपी इसको चुनावी मुद्दा बना रही है, इस वजह से कांग्रेस के सामने भी इससे निपटने की चुनौती होगी। हालाँकि पार्टी ने डीएमके नेता के बयान से खुद को अलग कर लिया है, लेकिन बीजेपी जिस तरह से आरोप लगा रही है उससे सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह मुद्दा उठ सकता है। गुरुवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने गठबंधन पर सनातन धर्म को ख़त्म करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। अमित शाह और पार्टी के दूसरे नेता भी लगातार सनातन धर्म विवाद को लेकर हमला कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर वहां पार्टी नेताओं का एक वर्ग अपने राज्यों में इस मुद्दे पर भाजपा के अभियान के प्रभाव को लेकर चिंतित है।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आंतरिक सर्वेक्षणों से अवगत पार्टी नेताओं का कहना है कि राजस्थान में, जो सत्ता में कांग्रेस और भाजपा के बीच वैकल्पिक रूप से जाना जाता है, मुकाबला करीबी है, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस थोड़ी आगे है और मध्य प्रदेश में यह बेहतर स्थिति में है। पार्टी नेताओं का कहना है कि तेलंगाना में कांग्रेस तेजी से गति पकड़ रही है।
रिपोर्ट के अनुसार रविवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक समाप्त होने के बाद कांग्रेस हैदराबाद में एक रैली करेगी, जहां वह राज्य के लिए छह चुनावी गारंटी की घोषणा करेगी।
बाद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तेलंगाना के 119 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक का दौरा करने के लिए सभी सीडब्ल्यूसी सदस्यों, आमंत्रितों, पीसीसी प्रमुखों और सीएलपी नेताओं के काफिले को हरी झंडी दिखाएंगे।