विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक दिन पहले ही चीन को लेकर राहुल गांधी पर जो हमला किया, उसका आज कांग्रेस ने जवाब दिया है। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेट ने विदेश मंत्री के ही दावों का हवाला देते हुए कई कड़े सवाल पूछे हैं। उन्होंने जयशंकर को देश के सबसे विफल विदेश मंत्री क़रार देते हुए तंज कसा कि चीन को 'लाल आँख' दिखाने की बजाय लाल शर्ट पहन कर स्वागत क्यों किया जा रहा है।
एस जयशंकर ने एक दिन पहले एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा था, 'मैं सबसे लंबे समय तक चीन का राजदूत रहा और बॉर्डर मु्द्दों को डील कर रहा था। मैं यह नहीं कहूंगा कि मुझे सबसे अधिक जानकारी है लेकिन मैं इतना कहूंगा कि मुझे इस (चीन) विषय पर काफी कुछ पता है। अगर राहुल गांधी को चीन पर ज्ञान होगा तो मैं उनसे भी सीखने के लिए तैयार हूं। ये समझना मुश्किल क्यों है कि जो विचारधारा और राजनीतिक पार्टियां हिंदुस्तान के बाहर हैं, उससे मिलती जुलती विचारधारा और पार्टियां भारत के अंदर भी हैं और दोनों एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं।'
चीन के मुद्दे पर राहुल गांधी के सवालों पर जयशंकर ने कहा था, 'हम पर आरोप लगता है कि हम चीन से डरते हैं, उसका नाम भी नहीं लेते हैं। मैं बता दूं कि हम चीन से नहीं डरते। अगर हम डरते तो भारतीय सेना को चीन बॉर्डर पर किसने भेजा? ये सेना राहुल गांधी ने नहीं भेजी, नरेंद्र मोदी ने भेजी है।'
जयशंकर ने कहा था, 'कांग्रेस और विपक्षी पार्टियाँ आरोप लगाती हैं कि लद्दाख में पैंगोंग झील के पास चीन ब्रिज बना रहा है। मैं आपको बता दूँ कि यह इलाक़ा 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है। इस वक्त भारत के इतिहास का सबसे बड़ा पीस टाइम डिप्लॉयमेंट चीन बॉर्डर पर तैनात है।'
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रीया श्रीनेट ने एस जयशंकर के बयान को लेकर कहा कि उन्होंने कल जो बयान दिया वह चिंताजनक है। उन्होंने कहा, 'जयशंकर ने कहा कि वे (चीन) की अर्थव्यवस्था बड़ी है और हमारी छोटी अर्थव्यवस्था। हम जाकर उनसे लड़ नहीं सकते हैं।' श्रीनेट ने जयशंकर के इस बयान को लेकर कहा कि 'गलवान घाटी में 20 जवानों की शहादत हुई है और हमारे देश के विदेश मंत्री कह रहे हैं कि क्योंकि हम छोटी अर्थव्यवस्था हैं तो हम बड़ी अर्थव्यवस्था को अटैक नहीं कर सकते हैं'। उन्होंने पूछा कि आप क्या कर रहे हैं सेना के शौर्य, पराक्रम, उनके हौसले के साथ।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह तो बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश से छोटी अर्थव्यवस्था वाले देश को तो लड़ना ही नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन आपके घर में घुसकर बैठा है।
जयशंकर से कांग्रेस के सवाल
- आप और आपके आका चीन का नाम क्यों नहीं लेते? अप्रैल 2020 की यथास्थिति कैसे बनेगी?
- 20 जाबाँजों की शहादत के बाद भी व्यापार घाटा कैसे बढ़ता जा रहा है?
- चीनी अतिक्रमण के बारे में वह क्या कहेंगे? पेट्रोलिंग प्वाइंट बफर ज़ोन कैसे बनते जा रहे हैं?
- क्या उन्होंने पीएम को सलाह दी थी कि देश को बताएँ कि कोई घुसा नहीं है?
- क्या चीन सीमाई क्षेत्र में पुल बना रहा है, उस पर वह चुप रहेंगे?
- चीन सीमा क्षेत्र में जो रेल लाइन बना रहा है उससे क्या भारतीय अखंडता को ख़तरा नहीं है?
बता दें कि कल के साक्षात्कार में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क़रीब चार दशक पुराने घटनाक्रम को आज याद करते हुए कहा था कि 1980 में सत्ता में वापस आने के तुरंत बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उनके पिता डॉ. के सुब्रह्मण्यम को रक्षा उत्पादन सचिव पद से हटा दिया गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें राजीव गांधी कार्यकाल के दौरान कैबिनेट सचिव बनने के लिए किसी जूनियर को चुना गया था।
एस जयशंकर एएनआई को दिए इंटरव्यू में दशकों पुराने घटनाक्रमों को याद करते हुए यह कहा है। कुटनीतिज्ञ से राजनेता बनने की प्रक्रिया को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं सबसे अच्छा विदेश सेवा अधिकारी बनना चाहता था। और मेरे दिमाग में सबसे अच्छी परिभाषा थी- एक विदेश सचिव के रूप में सेवा ख़त्म करने की।'
उन्होंने आगे अपने पिता की ब्यूरोक्रेसी की नौकरी को याद करते हुए कहा कि 'हम सभी इस तथ्य से अवगत थे कि मेरे पिता, जो एक नौकरशाह थे, सचिव बन गए थे, लेकिन उन्हें उनके सचिव पद से हटा दिया गया था। वह उस समय 1979 में जनता सरकार में शायद सबसे कम उम्र के सचिव बने थे।'