राजस्थान के उदयपुर में तीन दिनों के चिंतन के आख़िरी दिन रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी सदस्यों में उत्साह भरने की कोशिश की। उन्होंने पार्टी सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि 'हम जीतेंगे'। उन्होंने इस वाक्य को कई बार दोहराया। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी को फिर से सक्रिय करने के प्रयास के तौर पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर से यह यात्रा शुरू होगी।
सोनिया ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं से लेकर वरिष्ठ नेता तक इस यात्रा में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा है कि यह यात्रा सामाजिक सौहार्द को बढ़ाएगी और यह यात्रा भारत के संविधान के संरक्षण करने में मदद करेगी।
उनके इस बयान को राहुल गांधी के बयान से जोड़कर देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने सोनिया से पहले अपने भाषण में कहा कि 'हमें यह स्वीकार करना होगा कि जनता से हमारे संबंध टूट गए हैं। जो कांग्रेस पार्टी का कनेक्शन जनता से टूटा है, उसे फिर से जोड़ना होगा।' उन्होंने कहा, 'जनता ये समझती है कि कांग्रेस ही है जो देश को आगे ले जा सकती है।' कांग्रेस पार्टी ने फ़ैसला लिया है कि पूरी की पूरी पार्टी अक्टूबर से जनता के बीच जाएगी।
बहरहाल, सोनिया गांधी ने कहा की पार्टी आने वाले समय में देश के कई मुद्दों को उठाएगी और सीडब्ल्यूसी की बैठकों में लगातार उन मुद्दों पर चर्चा होगी।
इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने कांग्रेस यात्रा के साथ हर जिले में जगजागरण अभियान की भी घोषणा की और कहा कि यह जनजागरण अभियान 15 जून से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि 'जगजागरण अभियान के जरिए हम महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर जनता को जागरूक करेंगे।'
सोनिया गांधी ने आखिर में कहा,
“
हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हम जीतेंगे- यही हमारा दृढ़ निश्चय है, यही हमारा संकल्प है।
सोनिया गांधी, उदयपुर चिंतन शिविर में
तीन दिवसीय सम्मेलन का क्या नतीजा रहा, इसको लेकर सोनिया ने कहा कि संगठन की विस्तृत सिफारिशों पर तेजी से काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 'रचनात्मक भागीदारी की भावना से' प्रतिभागियों के सुझाव पार्टी की स्थिति, नीतियों और कार्यक्रम को बेहतर करेंगे। उन्होंने कहा कि ये राज्य और राष्ट्रीय चुनावों के लिए घोषणापत्र तैयार करने के लिए भी महत्वपूर्ण होंगे।
उन्होंने कहा, 'मैं संगठनात्मक समूह की रिपोर्ट का विशेष उल्लेख करना चाहती हूं क्योंकि यह सबसे तत्काल प्रासंगिक है। इसके कुछ विचार उदयपुर नवसंकल्प घोषणा का हिस्सा बन गए हैं। जिसे अभी अपनाया गया है। मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि समूह की विस्तृत सिफारिशों पर तेजी से कार्रवाई की जाएगी।'
बता दें कि चिंतन शिविर में राहुल गांधी के संबोधन के बाद अजय माकन ने पार्टी की ओर से लिए गए नए संकल्पों को साझा किया। इसके बाद सोनिया गांधी के अभिभाषण की शुरुआत हुई थी।
सोनिया से पहले अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि जो कांग्रेस पार्टी का कनेक्शन जनता से टूटा है, उसे फिर से जोड़ना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों से दोबारा जुड़ने का कोई शॉर्टकट नहीं है और पार्टी को इसके लिए पसीना बहाना पड़ेगा। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से अपील की कि वे किसानों और मजदूरों के बीच सिर्फ एक या दो दिन नहीं, बल्कि महीनों बिताएँ। उन्होंने पार्टी सदस्यों को आश्वासन दिया कि वह उनके साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ खुद लड़ेंगे। राहुल ने कहा, 'मैं कभी भ्रष्ट नहीं रहा, मैंने कोई पैसा नहीं लिया और इसीलिए मैं डरता नहीं हूं।'