कोलकाता: नारेबाज़ी से नाराज़ हुईं तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी

12:55 pm Jan 24, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर शनिवार को कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद रहे। लेकिन ममता जब बोलने के लिए खड़ी हुईं तो ‘जय श्री राम’ और ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगने लगे, इससे वह नाराज़ हो गईं। उन्होंने कहा कि उन्हें यहां बुलाने के बाद उनकी बेइज्जती नहीं की जानी चाहिए। 

यह कार्यक्रम विक्टोरिया मैमोरियल में हुआ और इसमें राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे। नेताजी की जयंती को टीएमसी और बीजेपी दोनों ही बड़े पैमाने पर मना रहे हैं। ममता बनर्जी ने कोलकाता के श्याम बाज़ार से शुरू हुए 9 किमी के रोड शो में हिस्सा लिया और इसके जरिये अपनी सियासी ताक़त दिखाने की कोशिश की। 

प्रधानमंत्री ने नेताजी को समर्पित एक संग्रहालय का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, ‘नेताजी ने विदेश में जाकर देश से बाहर रहने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोरा। पूरे देश से हर जाति, पंथ, हर क्षेत्र के लोगों को देश का सैनिक बनाया। नेताजी ने संकल्प लिया था कि भारत की जमीन पर आज़ाद भारत की आजाद सरकार की नींव रखेंगे और उन्होंने ये वादा पूरा करके दिखाया।’

दिन में हावड़ा में बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हुई। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया है। बीजेपी के नेताओं ने कहा है कि अगर टीएमसी ऐसी राजनीति चाहती है तो उन्हें उनकी भाषा में जवाब दिया जाएगा। 

आने वाले कुछ महीनों में होने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। ये राज्य- तमिलनाडु, केरल, असम, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी हैं। इनमें बंगाल, असम और तमिलनाडु में विशेषकर जोरदार चुनावी मुक़ाबला होगा। 

बंगाल में अप्रैल-मई में विधानसभा के चुनाव होने हैं और उससे पहले तृणमूल कांग्रेस में पार्टी छोड़ने वालों की लाइन लगी हुई है। एक महीने के भीतर कई मंत्री, विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं।

पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बनाने के मक़सद से राज्य में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे बीजेपी के नेताओं के जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी जनसभाओं, रैलियों से चुनावी माहौल बनाना शुरू कर दिया है। हाल ही में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद बीजेपी ने ममता सरकार पर हमले तेज़ किए हैं। बीजेपी का कहना है कि ममता सरकार में बीजेपी के कार्यकर्ताओं की लगातार हत्या हो रही है। 

असम में निकाला जुलूस 

असम में भी चुनावी राजनीति तेज़ हो गई है। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) की ओर से शुक्रवार को नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) के ख़िलाफ़ जुलूस निकाला गया। असम में कांग्रेस ने 5 दलों के साथ गठबंधन करने का एलान किया है। कांग्रेस ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ़), सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल) और आंचलिक गण मोर्चा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरेगी। उन्होंने क्षेत्रीय दलों को भी साथ आने के लिए आमंत्रित किया है और कहा है कि बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए हमें मिलकर लड़ाई लड़नी होगी।

बीजेपी ने कहा है कि इस बार वह अपने पुराने साथी बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के साथ चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि एजीपी और नए साथी यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ चुनावी गठबंधन करेगी। असम बीजेपी के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने कहा कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व एजीपी और यूपीपीएल के साथ जल्द ही सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि 126 सीटों वाली असम विधानसभा में उनका गठबंधन 100 से ज़्यादा सीटें जीतेगा। 

तमिलनाडु पहुंचे राहुल 

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने तमिलनाडु में पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की है। राहुल तमिलनाडु में औद्योगिक संगठनों के कर्मचारियों, किसानों और बुनकरों के साथ कोयंबटूर और तिरुपुर जिलों में रोड शो करेंगे। वे औद्योगिक संगठनों के कर्मचारियों के साथ बातचीत भी करेंगे। गांधी राज्य के तीन दिनों के दौरे पर हैं। राज्य में कांग्रेस और डीएमके मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि बीजेपी और एआईएडीएमके भी गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे। 

तमिलनाडु में करीब चार दशकों से विधानसभा चुनावों में एआईएडीएमके और डीएमके के बीच सीधा मुकाबला रहा है और इन्हीं दोनों पार्टियों के नेता मुख्यमंत्री रहे हैं। सत्ता इन दोनों पार्टियों के अलावा किसी अन्य पार्टी के हाथ में नहीं गयी। करुणानिधि सबसे ज़्यादा (6863 दिन तक) मुख्यमंत्री रहे। जयललिता (5238 दिन तक) मुख्यमंत्री रहीं। जबकि एमजीआर (3629 दिन तक) मुख्यमंत्री रहे। करुणानिधि और जयललिता पाँच बार मुख्यमंत्री रहे। करुणानिधि पहली बार 1969 में मुख्यमंत्री बने थे। एमजीआर 1977 में पहली बार मुख्यमंत्री बने।