बीजेपी सांसद और पश्चिम बंगाल में पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने चेताया है। इसने पश्चिम बंगाल में पार्टी नेताओं के एक वर्ग के ख़िलाफ़ बोलने के लिए दिलीप घोष को फटकार लगाई है और कहा है कि वह ऐसा बयान मीडिया में न दें जिससे केंद्रीय नेतृत्व को शर्मसार होना पड़े। पार्टी ने कहा है कि उन्हें पहले भी इस तरह ध्यान रखने की नसीहत दी जा चुकी है।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के निर्देश पर इस संबंध में घोष को पत्र लिखा है। उन्होंने एक दिन पहले ही यानी 30 मई को यह पत्र लिखा है।
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष को चेतावनी वाला यह पत्र इसलिए भेजा गया है कि उन्होंने पिछले महीने यानी अप्रैल में बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की आलोचना की थी। मजूमदार से पहले दिलीप घोष ही राज्य में पार्टी के अध्यक्ष थे। घोष ने संवाददाताओं से कहा था, 'सुकांत मजूमदार कम अनुभवी हैं। पार्टी लंबे समय से लड़ रही है और अनुभवी दिग्गज मौजूद हैं। उन्हें राज्य में लड़ने के लिए खड़ा किया जाना चाहिए।'
उनके इस बयान को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने गंभीरता से लिया। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने घोष को दिए पत्र में कहा है, 'हालाँकि पार्टी के प्रति आपकी प्रतिबद्धता निरपेक्ष रही है, कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जब आपके कुछ बयानों या आक्रोश ने राज्य के पार्टी नेताओं को पीड़ा दी है और भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भी शर्मसार किया है। पार्टी नेतृत्व द्वारा कई मौकों पर आपको इस उम्मीद के साथ बताया गया था कि आप इस पर ध्यान देंगे।'
पत्र में कहा गया है, 'हाल ही में एक साक्षात्कार में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और शायद अन्य मंचों पर आपकी टिप्पणियों ने राज्य के वरिष्ठ पदाधिकारियों की खुले तौर पर आलोचना की है। इस तरह की टिप्पणियां केवल पार्टी को आहत करेंगी और नुकसान पहुंचाएंगी और अतीत में आपकी खुद की मेहनत को नकारेंगी। इसके अलावा, आपके कद के व्यक्ति, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की ओर से आने वाले ऐसे बयान, पार्टी रैंकों के बीच गहरा असंतोष, अशांति और अलगाव पैदा कर सकते हैं, जो राजनीतिक व्यवहार और आचरण के मानदंडों को देखते हुए अस्वीकार्य है।' पत्र में कहा गया है कि बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व मीडिया के माध्यम से इस तरह के बयान जारी करने से काफी चिंतित है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर जारी पत्र में घोष के बयान पर गहरी पीड़ा और चिंता व्यक्त की गई है। इसमें कहा गया है कि 'आपको सलाह देता हूं कि आप हमेशा मीडिया या किसी भी सार्वजनिक मंच पर अपने सहयोगियों के बारे में या तो पश्चिम बंगाल में या कहीं और बयान देने से बचें।'
इन घटनाक्रमों को लेकर दिलीप घोष की प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालाँकि, उन्होंने अपने क़रीबी सहयोगियों से कहा है कि उन्हें अभी तक पत्र की प्रति नहीं मिली है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार राज्य बीजेपी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'हमें आधिकारिक तौर पर पत्र की कोई प्रति नहीं मिली है। फिर भी, यह पूरी तरह से पार्टी का आंतरिक मामला है। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। दिलीप घोष भाजपा के सबसे सफल प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हुए बंगाल में पार्टी को आगे बढ़ने में मदद की इसलिए, मैं इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।'