बीते 30 मार्च को देशभर में रामनवमी का त्योहार मनाया गया। इसमें देशभर में शोभायात्रायें निकाली गईं। रामनवमी के अवसर पर ऐसी ही शोभायात्रा हैदराबाद में निकाली गई। यहां यात्रा में शामिल लोग कथित रूप से महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की फोटो लेकर शामिल हुए। अब इस पर हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद पुलिस की आलोचना की और उनपर हमला बोला। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पुलिस ने रामनवमी जुलूस के दौरान नाथूराम गोडसे की तस्वीर लगाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
ओवैसी केवल यहां ही नहीं रुके उन्होंने कहा कि अगर ऐसी किसी रैली या सभा में कोई लादेन की फोटो लेकर कहता कि हैदराबाद आतंकवादियों का गढ़ बन गया है, तो पुलिस उसके घर के दरवाजे तोड़ देती।
उन्होंने कहा, 'कोई कहता है कि मैं 'हिंदू राष्ट्र' बनाऊंगा। हैदराबाद में नाथूराम गोडसे की तस्वीर लगाई गई। कुछ लोग गोडसे की फोटो के साथ नाच रहे थे। मुझे समझ नहीं आता है कि ये कौन लोग हैं, जो ऐसा कर रहे हैं,। जबकि नाथूराम गोडसे भारत का पहला आतंकवादी था जिसने गांधी की हत्या की थी।
ओवैसी ने पुलिस से पूछा कि बताइए, आपका उनसे क्या संबंध है। इस सब के दौरान वे इतने चुप थे कि जैसे उन्होंने टेलीविजन पर अपने भाईजान की तस्वीर देखी हो।
ओवैसी केवल हैदराबाद पुलिस पर ही नहीं, बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री पर भी जमकर हमलावर थे। उन्होंने कहा कि बिहार में एक मदरसे को आग लगा दी गई और यह उस राज्य में हुआ जहां धर्मनिरपेक्ष सरकार है। जब मैं वहां चुनाव लड़ता हूं तो वे कहते हैं कि आप चुनाव क्यों लड़ रहे हैं। एक मदरसे को आग लगा दी गई है, अब आप क्यों चुप हैं? आप इतना नीचे कैसे गिर सकते हैं?
बिहार के मुख्यमंत्री कभी इस तरफ होते हैं तो कभी उस तरफ। मदरसे में आग लगा दी गई लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ एक शब्द नही कहा। क्यों?