केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडू पर एक गंभीर आरोप लगा है। आरोप यह है कि उन्होंने सांसद निधि से जुड़ी फाइल न लाने पर दो सरकारी अफसरों को अपने दफ्तर में पीटा। यह वाकया उड़ीसा के मयूरभंज जिले में हुआ है। हालांकि केंद्रीय मंत्री ने आरोपों से पूरी तरह इनकार किया है।
सरकारी अफसर अश्विनी कुमार मल्लिक और देबाशीष मोहापात्रा के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री ने उन दोनों को बीजेपी के दफ्तर में शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक के लिए बुलाया था। लेकिन बैठक के दौरान मंत्री कुछ फाइल्स न लाने पर भड़क गए और दफ्तर के दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया।
दोनों अफसरों ने आरोप लगाया कि इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने उन्हें पीटा और कुर्सी से उन पर हमला कर दिया।
हमले के कारण देबाशीष मोहापात्रा का हाथ टूट गया जबकि अश्विनी कुमार मल्लिक को भी गंभीर चोटें आई हैं। देबाशीष मोहापात्रा की एक तसवीर सामने आई है जिसमें उनके हाथ पर प्लास्टर चढ़ा हुआ है। दोनों अफसरों को बारीपाड़ा के पीआरएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इनकी शिकायत पर केंद्रीय मंत्री के खिलाफ टाउन पुलिस थाने में कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
देबाशीष मोहापात्रा ने इंडिया टुडे को बताया कि उन्होंने मंत्री को समझाने की कोशिश की कि आदर्श आचार संहिता लागू है और ऐसे में उनके दफ्तर में फाइल को लेकर आना गलत होता। जबकि दूसरे अफसर अश्विनी कुमार मल्लिक ने कहा कि केंद्रीय मंत्री फाइल को ना लाने पर भड़क गए और हमें गालियां दीं और इसके बाद हमें प्लास्टिक की कुर्सी से पीटा।
उन्होंने इंडिया टुडे को बताया कि हम किसी तरह वहां से बचकर निकलने में कामयाब रहे।
आरोपों को किया खारिज
दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री टुडू ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया और कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले इस तरह के आरोप लगाना उनकी छवि को खराब करने की कोशिश है।
उन्होंने कहा कि आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये दोनों अफसर उनके पास आए थे और हम लोगों के बीच आधे से 1 घंटे तक बातचीत हुई।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर उन्होंने अफसरों को पीटा होता तो क्या वे उनके दफ्तर से बचकर निकल पाते।