ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष के साथ काम करने की संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने घोषणा की कि उनका बीजू जनता दल यानी बीजेडी अकेले चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा है कि यही हमेशा से उनकी योजना रही है। कुछ दिन पहले जब विपक्षी दलों को एकजुट करने के अभियान पर निकले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे मुलाक़ात की थी तब भी उन्होंने कहा था कि उनके बीच गठबंधन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है।
नवीन पटनायक का यह बयान आज शाम नयी दिल्ली में तब आया जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। नवीन पटनायक ने इसे 'शिष्टाचार भेंट' बताया है। पटनायक ने कहा कि उन्होंने भुवनेश्वर से पुरी तक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को स्थानांतरित करने पर चर्चा करने के लिए पीएम मोदी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि वह हर संभव मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि उनकी राजधानी की इस यात्रा पर किसी अन्य राजनीतिक दलों से मिलने की कोई योजना नहीं है। उनकी यह सफाई तब आई है जब आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात के कयास लगाए जा रहे थे। पटनायक ने इससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी। ममता भाजपा के सबसे तीखे आलोचकों में से एक हैं।
बता दें कि ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव जैसे नेताओं से मिलने के बाद इसी हफ्ते मंगलवार को नीतीश कुमार ने नवीन पटनायक से मुलाक़ात की थी। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद कहा था, 'हमारी दोस्ती जगजाहिर है और हम कई साल पहले सहयोगी थे। आज किसी भी गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई।' नीतीश कुमार ने कथित तौर पर व्यक्तिगत संबंधों पर जोर दिया और पटनायक से राजनीतिक चर्चाओं के बारे में चिंता न करने को कहा।
पटनायक देश के किसी भी राज्य के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्रियों में से एक हैं और वह नीतीश कुमार की तरह बीजेपी के पूर्व सहयोगी हैं। 2008 में एनडीए से बाहर निकलने के बाद से उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी से समान दूरी बनाए रखने की कोशिश की है। हालांकि, उन्होंने संसद में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में बीजेपी सरकार का समर्थन किया है।
नीतीश 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के ख़िलाफ़ एक महागठबंधन बनाने के लिए समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को एकजुट करने के मिशन पर हैं, जबकि नवीन पटनायक हाल के वर्षों में किसी भी गठबंधन से दूरी बनाए रखे हुए हैं, चाहे वह भाजपा या कांग्रेस के नेतृत्व में हो। बहरहाल, समझा जाता है कि नीतीश कुमार ने उन दलों को भी साथ जोड़ने की पहल की है जो कांग्रेस के साथ विपक्षी एकता में आने में असहज महसूस करते हैं। इसमें टीएमसी, आप और समाजवादी पार्टी प्रमुख हैं। इसी कड़ी में नीतीश की नवीन पटनायक से मुलाक़ात बेहद अहम बताई गयी। लेकिन आज पटनायक ने जो बयान दिया है उससे क्या बीजेडी को विपक्षी खेमे में लाने का नीतीश का प्रयास विफल नज़र आता है?
विपक्षी एकता: पवार, उद्धव से मिले नीतीश
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। उनके साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी थे। ठाकरे से मिलने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं कि पूरे देश में अधिक से अधिक पार्टियां एकजुट हों, मिलकर हम सब लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि आज जो केंद्र में है वे देश के लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं इसलिए देश के हित में हम सब मिलकर लड़ेंगे। अब ये तय होगा कि कब सबकी मीटिंग होगी।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि आज हमारी अच्छी मुलाकात हुई है। उन्होंने कहा कि देश का आज जो माहौल है वो सब देखने के बाद देश की प्रजातंत्र को बचाने के लिए हमें मिलकर काम करने की आवश्यकता है और हम इसका समर्थन करते हैं।
ये पूछे जाने पर कि क्या शरद पवार विपक्षी गठबंधन का मुख्य चेहरा होंगे, बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि इससे ज्यादा खुशी की बात और कुछ नहीं होगी। इस पर शरद पवार ने कहा कि अभी मिलकर काम करना होगा, चेहरे पर फैसला बाद में होगा। फिर नीतीश ने भी कुछ ऐसा ही कहा।