सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल क्या अब कोरोना महामारी में भी लोगों को भ्रमित और सरकार के ख़िलाफ़ द्वेष फैलाने का काम भी कर रही है? यह सवाल मुंबई में हुई एक घटना के बाद फिर से चर्चा में आया है।
मुंबई पुलिस ने बीजेपी के एक पदाधिकारी के ख़िलाफ़ इसी तरह का एक मामला दर्ज किया है। सुरेश नाखुआ नामक यह व्यक्ति बीजेपी मुंबई का आधिकारिक प्रवक्ता है। सुरेश नाखुआ (@SureshNakhua) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल जिसे की ब्ल्यू टिक हासिल है, से 20 अप्रैल को एक वीडियो अपलोड किया। इस वीडियो में दिखाया गया कि एक जीवित व्यक्ति को कफ़न में बांधकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा है।
क्या है वीडियो में?
वीडियो में विशेष रूप से यह दिखाया गया कि यह जीवित व्यक्ति बांधे हुए कफ़न से बाहर निकलने का प्रयास कर रहा है, लेकिन निकल नहीं पा रहा। इस वीडियो को बनाने वाले ने इतनी सफाई दिखाई है की एम्बुलेंस की नंबर प्लेट में केवल MH अक्षर ही दिखे ताकि देखने वालों को यह पता चल सके की यह गाड़ी महाराष्ट्र की ही है।
नंबर प्लेट के शेष नंबर नहीं दिखाई दे रहे थे ताकि ,गाड़ी की पहचान नहीं हो सके। सुरेश नाखुआ ने वीडियो के साथ मुंबई महानगरपालिका के कामकाज पर सवाल उठाये थे।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इस वीडियो के वायरल होते ही मुंबई महानगरपालिका भी सक्रिय हो गयी यह पता लगाने में की क्या वाकई में ऐसा कुछ वाकया हुआ है। सभी वार्ड तथा उनसे सम्बंधित श्मशान भूमि को निर्देश जारी हुए की मामले की जाँच की जाय। कोई सुराग नहीं मिलने पर बीएमसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल (@mybmc ) से सुरेश नाखुआ को टैग करते हुए ट्वीट किया और कहा कि आप इस वीडियो के स्रोत और सत्यता की जाँच कीजिये।
विवादों में वीडियो
यही नहीं इससे पहले महानगरपालिका की तरफ से सुरेश नाखुआ को फोन भी किया गया था और उनसे अपील की गयी थी कि उन्होंने ट्विटर पर जो वीडियो अपलोड किया है, उसकी सत्यता और सोर्स की जाँच कर लें। पालिका ने कहा कि इस वीडियो से लोगों में ग़लत सन्देश जा रहा है तथा भ्रम फ़ैल रहा है।
मोदी के साथ तसवीर
पालिका अधिकारियों ने सुरेश नाखुआ से कई बार संपर्क कर इस वीडियो की सत्यता के बारे में जानने की कोशिश की लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो मुंबई के भोईवाडा पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफ़आईआर दर्ज कराई।
सुरेश नाखुआ का ट्विटर हैंडल वेरिफाइड है और उन्होंने हेडर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ली गयी अपनी तस्वीर लगाई हुई है। अपने परिचय में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का अधिकृत प्रवक्ता और आईटी कंसल्टेंट लिखा हुआ है।
नाखुआ ने किया पलटवार
महाराष्ट्र के राज्यपाल, विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और मुंबई प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा को टैग करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री, मुंबई महानगरपालिका और महाराष्ट्र पुलिस के महानिदेशक को संबोधित करते हुए कहा कि 'महाविकास आघाडी सरकार की मशीनरी इस मामले में मेरे ख़िलाफ़ कार्रवाई बाद में भी कर सकती है।
उसने कहा कि पहले राज्य में स्थिति नियंत्रण में करे, हर दिन हजारों की संख्या में लोग मर रहे हैं,उसे रोका जाय। क्या यह बेहतर नहीं होगा कि राज्य सरकार की मशीनरी अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल मेरा पता व नंबर ढूंढने तथा वीडियो की सत्यता जांचने की बजाय सही दिशा में लगाए। प्रदेश के 12 करोड़ लोगों की सुरक्षा का सवाल है। यदि प्रशासन उस पर ध्यान देगा तो बहुत से लोगों को बचा सकेगा।
इस संदर्भ में एक अन्य ट्वीट में सुरेश नाखुआ ने कहा कि विगत 24 घंटों में मुंबई महानगरपालिका के उपायुक्त और संयुक्त आयुक्त तथा मेडिकल ऑफिसर तथा पुलिस इन्स्पेक्टर स्तर के अधिकारी मुझसे सवाल जवाब कर रहे हैं।
नाखुआ ने मानी ग़लती
नाखुआ ने अगली ट्वीट में बीजेपी आईटी सेल के समीत ठक्कर और सुनैना हौली के नामों का उल्लेख करते हुए लिखा की शायद उन्हीं की तरह महाराष्ट्र सरकार उसके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करने जा रही है।उल्लेखनीय है कि सुनैना हौली ने पालघर में साधुओं की मोबलिन्चिंग मामले में विवादास्पद ट्वीट्स किये थे जिसको लेकर पुलिस ने उसके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था। सुरेश नाखुआ ने इसी क्रम में एक और ट्वीट में यह भी लिखा कि पुलिस मेरा बयान लेने आ रही है, यदि दो घंटे में मैंने कोई ट्वीट नहीं की तो आप लोग समझ जाइएगा वे मेरा बयान लेने नहीं कुछ और मकसद से आये थे।
शायद सुरेश नाखुआ को इस बात का अंदेशा था कि पुलिस उसे गिरफ़्तार करने आ रही है। इसके बाद नाखुआ ने ट्वीट किया की पुलिस ने मुझे नोटिस देकर छोड़ दिया है, मैं अपना बयान दर्ज कराऊँगा। बाद में सुरेश नाखुआ ने दो ट्वीट कर उस विवादास्पद ट्वीट के लिए सार्वजनिक रूप से माफी माँगी।
उन्होंने कहा कई उस वीडियो की सत्यता और लोकेशन के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। वीडियो ने मुझे विचलित कर दिया था, लिहाजा मैंने उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाने के लिए उसे पोस्ट किया था। नाखुआ ने यह भी कहा कि मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था कि लोगों में अफरातफरी मच जाय या द्वेष फैले।