मोहन चरण माझी ने बुधवार को ओडिशा में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ दो उपमुख्यमंत्री के.वी. सिंह देव और प्रवती परिदा ने भी एक भव्य समारोह में शपथ ली। ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास ने सीएम मोहन माझी को शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और अन्य बड़े नेता शामिल हुए। इस समारोह में पुराने ज़माने के राजनीतिक शिष्टाचार के तहत बीजू जनता दल के प्रमुख नवीन पटनायक भी शामिल हुए। उन्होंने 24 साल तक राज्य का नेतृत्व किया। माझी मंगलवार शाम पटनायक के आवास पर गए और उन्हें बुधवार के समारोह के लिए आमंत्रित किया था।
शपथ ग्रहण समारोह में सीएम और दो डिप्टी सीएम के अलावा आठ मंत्रियों और पांच राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) को शपथ दिलाई गई।
मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए मोहन माझी ने 1997-2000 तक सरपंच के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। माझी पहली बार 2000 में क्योंझर से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे। 2004 और फिर 2019 में वे फिर से चुने गए। हाल के चुनावों में उन्होंने बीजेडी की मीना माझी को 11,577 वोटों से हराकर सीट बरकरार रखी। पिछली विधानसभा में माझी विपक्ष के मुख्य सचेतक थे, जिन्होंने कई अहम मुद्दों पर बीजेडी सरकार को निशाने पर लिया था।
वीके सिंह देव ने पटनागढ़ से अपनी छठी ओडिशा विधानसभा जीत हासिल की। उन्होंने भाजपा-बीजद गठबंधन (2000-2009) में उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री के रूप में कार्य किया। इस बीच, लगातार तीन हार के बाद, 2024 में निमापारा से प्रवती परिदा ने अपनी पहली विधानसभा सीट जीती।
नवीन पटनायक के 24 साल के शासन के बाद बीजेपी ने ओडिशा में बीजू जनता दल को सत्ता से हटा दिया। भाजपा ने विधानसभा की 147 सीटों में से 78 सीटें जीतीं और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से उनकी संख्या 81 हो गई। बीजद और भाजपा ने 1998 से 2009 तक 11 साल का गठबंधन बनाया था, जिसमें तीन लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव एक साथ लड़े। पटनायक ने कंधमाल में दंगे के बाद 2009 के आम चुनावों से पहले गठबंधन ख़त्म कर दिया था।