ममता बनर्जी की अपने भतीजे की टीम के साथ खटपट की ख़बरों के बीच पहले तो पार्टी की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई और अब पार्टी में नयी राष्ट्रीय कार्य समिति गठित की गई है। आख़िर तृणमूल कांग्रेस में क्या चल रहा है?
टीएमसी के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस की आज की बैठक में राष्ट्रीय कार्य समिति घोषित की गई है। चटर्जी ने कहा, 'आज एक बैठक में टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने अभिषेक बनर्जी, अमित मित्रा, पार्थ चटर्जी, यशवंत सिन्हा और फिरहाद हकीम सहित 20 सदस्यों वाली पार्टी की एक राष्ट्रीय कार्य समिति का गठन किया है।' हालाँकि यह साफ़ नहीं किया गया है कि क्या पार्टी में कुछ अनबन है या नहीं। इसमें इतना ज़रूर कहा गया है कि ममता बनर्जी बाद में पदाधिकारियों की घोषणा करेंगी और फिर उसे चुनाव आयोग को भेजा जाएगा। उस कमेटी में पार्टी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन और सौगत रॉय शामिल नहीं हैं।
तृणमूल के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के आवास पर बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि ममता बनर्जी बाद में पार्टी के नए पदाधिकारियों का नाम बताएँगी।
तृणमूल कांग्रेस की यह बैठक तब हुई है जब पार्टी में 'वन मैन, वन पोस्ट' नीति को बढ़ावा देने के लिए अभिषेक बनर्जी द्वारा दबाव डाले जाने की ख़बर है। इसको लेकर पार्टी में कुछ नेताओं ने नाराज़गी जताई है। समझा जाता है कि नयी कमेटी की यह घोषणा पार्टी में 'वन मैन, वन पोस्ट' को लेकर बढ़ते तनाव को दूर करने के लिए थी।
इसे मुख्यमंत्री द्वारा एक ऐसी स्थिति पर नियंत्रण करने के कदम के रूप में भी देखा जा रहा है जो पार्टी को वरिष्ठ नेताओं और युवा नेताओं के बीच विभाजित कर सकती है।
इस विवाद में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कंसल्टेंसी ग्रुप I-PAC का नाम भी आ रहा है।
ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ही इस कंसल्टेंसी ग्रुप और टीएमसी के बीच में मुख्य संयोजक का काम करते हैं। लेकिन शुक्रवार को तब विवाद बढ़ा जब टीएमसी की नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर की टीम ने उनके सोशल मीडिया अकाउंट का ग़लत इस्तेमाल किया है।
भट्टाचार्य ने कहा है कि किशोर की टीम ने चुनाव से पहले उनका ट्विटर अकाउंट बनाया था और शुक्रवार को उनकी मर्जी के बिना इस पर ‘एक व्यक्ति एक पद’ के बारे में पोस्ट कर दिया। उन्होंने कहा है कि वह इसका विरोध करती हैं लेकिन प्रशांत किशोर की टीम ने इसका जवाब दिया और कहा कि वह टीएमसी के किसी भी पदाधिकारी या पार्टी के ट्विटर हैंडल को नहीं संभालती और कोई इस तरह का दावा कर रहा है तो वह पूरी तरह झूठ बोल रहा है।
अभिषेक बनर्जी के समर्थकों ने ‘एक व्यक्ति एक पद’ की नीति के समर्थन में कई ट्वीट किए हैं। उदाहरण के लिए फिरहाद हाकिम कोलकाता नगर निगम के मेयर हैं और राज्य सरकार में मंत्री भी हैं। हाकिम का कहना है कि पार्टी ‘एक व्यक्ति एक पद’ की नीति का समर्थन नहीं करती और अगर ममता बनर्जी ऐसा चाहतीं तो वह इस नीति को ला सकती थीं। उनका कहना है कि पार्टी में इस नीति को किसी तरह का समर्थन हासिल नहीं है।
अभिषेक बनर्जी के बारे में कहा जाता है कि वह सियासी महत्वाकांक्षा रखते हैं। तो सवाल है कि क्या टीएमसी में जो अनबन की ख़बरें आ रही हैं वह इस 'एक व्यक्ति एक पद' के मामले के कारण है और क्या इसमें राजनीतिक महत्वाकांक्षा की भी भूमिका है?