पूर्व मुंबई पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ एफ़आईआर

10:20 am Apr 29, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराया गया है। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। यह परमबीर सिंह ही थे, जिन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिख कर कहा था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने उनसे हर महीने 100 करोड़ रुपए उगाही कर देने को कहा है। परमबीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी के टीआरपी घोटाले को उजागर किया था और उसकी शुरुआती जाँच की थी। 

33 लोगो के ख़िलाफ़ एफ़आईआर

एफ़आईआर में  परमबीर सिंह और डीसीपी पराग मनेरे सहित 33 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। इसमें इन सारे अभियुक्तों के ख़िलाफ़ 27 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस निरीक्षक भीमराव घाडगे ने शिकायत की थी और उन्होने आरोप लगाया था कि ठाणे पुलिस आयुक्त रहते हुए परामबीर सिंह ने आरोपियों को बचाने के लिए उनपर दबाव बनाया था। उनके नहीं मानने पर उन्हें परेशान किया गया और उनके खिलाफ ही झूठा मामला बना दिया गया। 

घडगे ने 20 अप्रैल को पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर यह शिकायत की थी। उन्होंने शिकायत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल को भी भेजी है। पिछले महीने मुबंई पुलिस आयुक्त पद से सिंह का तबादला होने के बाद उनके ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार की यह दूसरी शिकायत है।

इसी महीने लगभग दो सप्ताह पहले परमबीर सिंह से पूछताछ की गई थी। मुकेश अंबानी एंटीलिया विस्फ़ोटक मामले की जांच कर रही एनआईए ने पूर्व पुलिस कमिश्नर की थी। समझा जाता है कि परमबीर से पूछताछ एनआईए के एक आईजी स्तर के अफसर ने की थी। चार घंटे तक चली पूछताछ में एनआईए के अधिकारियों ने परमबीर से सचिन वाजे के साथ संबंधों के बारे में सवाल-जवाब किये। 

इसके अलावा पूर्व एसीपी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा से भी एनआईए ने पूछताछ की थी। 

एनआईए ने परमबीर से सचिन वाजे की गतिविधियों के बारे में पूछताछ की। परमबीर और सचिन वाजे के संबंध काफी अच्छे थे और यही कारण था कि वाजे सीधे परमबीर को रिपोर्ट किया करता था और इसी वजह से परमबीर ने वाजे को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का हेड बनाया था। परमबीर पर आरोप है कि शुरुआत में एंटीलिया केस की जांच भी उन्होंने सचिन वाजे को ही सौंपी थी। 

परमबीर-वाजे की मुलाकात

जिस समय एंटीलिया कांड हुआ था उस दौरान वाजे ने परमबीर से कई-कई घंटे तक उनके दफ़्तर में मुलाकात की थी और ये उस समय चर्चा का विषय बन गया था। वाजे के रुतबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह कभी भी अपने सीनियर अधिकारी को सैल्यूट नहीं मारता था, क्योंकि सभी को पता था कि वाजे पुलिस कमिश्नर परमबीर का खासमखास है। 

यही कारण है कि एनआईए परमबीर से पूछताछ कर यही पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर वाजे के इतने बड़े प्लान का उन्हें पता कैसे नहीं लगा। 

प्रदीप शर्मा से पूछताछ 

इसके बाद एनआईए ने मुंबई पुलिस के पूर्व एसीपी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को भी पूछताछ के लिए बुलाया। एक समय में प्रदीप शर्मा एपीआई सचिन वाजे के सीनियर थे और उस दौर में दोनों ने कई एनकाउंटर भी किये थे। 

प्रदीप शर्मा एनआईए के घेरे में सचिन वाजे की कॉल डिटेल के चलते आये हैं। एटीएस ने एनआईए को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मनसुख हिरेन ने 4 मार्च को अंतिम कॉल अंधेरी ईस्ट के पास से की थी और इसके बाद उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था।