केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और उनके रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने की उम्मीद है। कांग्रेस को यह झटका उस समय लगा है जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के महाराष्ट्र में आने की तैयारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी कर रही है।
उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, "मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया है, जिससे पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है।" उन्होंने कहा, "मैं वर्षों से उनके अटूट समर्थन के लिए सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं।"
कांग्रेस के दिग्गज नेता मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद देवड़ा ने 2004 और 2009 में मुंबई दक्षिण सीट जीती थी। वह 2014 और 2019 के बाद के चुनावों में शिवसेना (अविभाजित) नेता अरविंद सावंत के खिलाफ पहले रनर-अप रहे। अगर वो मुरली देवड़ा के बेटे नहीं होते तो महराष्ट्र की राजनीति में इस ऊंचाई पर नहीं होते। उनकी पहचान कांग्रेस से ही थी।
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अभी शनिवार 13 जनवरी को मिलिंद देवड़ा ने उन अटकलों को खारिज कर दिया था कि वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होंगे। उन्होंने इसे 'अफवाहें' करार दिया था। इस राजनीतिक घटनाक्रम ने नेताओं के बारे में इस धारणा को पुष्ट किया है कि उनका कोई दीन-ईमान नहीं होता।
पिछले रविवार को मिलिंद कांग्रेस में थे और पार्टी की ओर से बयानबाजी कर रहे थे। उन्होंने हाल ही में मुंबई साउथ सीट पर उद्धव ठाकरे गुट की जीत पर नाराजगी जताई थी। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला समूह, शिवसेना (यूबीटी) विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है। यानी उन्हें कांग्रेस के साथ उद्धव ठाकरे का गठबंधन पसंद नहीं था। पिछले रविवार को जारी एक वीडियो बयान में, देवड़ा ने कहा था कि यदि "गठबंधन भागीदार" सीटों को लेकर बयानहाजी बंद नहीं करते हैं, तो उनकी पार्टी भी सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है।
उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देने का फैसला अपने समर्थकों से चर्चा के बाद लिया। मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने याद किया कि कैसे उनके पिता मुरली देवड़ा के सभी राजनीतिक दलों में दोस्त थे लेकिन वे हमेशा पार्टी के साथ खड़े रहे।
उन्होंने ट्वीट किया- "मैं मुरली देवड़ा के साथ अपने लंबे वर्षों के जुड़ाव को बड़े चाव से याद करता हूं। सभी राजनीतिक दलों में उनके करीबी दोस्त थे, लेकिन वह एक कट्टर कांग्रेसी थे, जो हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े रहे - सुख-दुख में। तथास्तु!"
दिसंबर में, 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले एक बड़े संगठनात्मक फेरबदल के बीच, कांग्रेस ने देवड़ा को कांग्रेस का संयुक्त कोषाध्यक्ष नियुक्त किया था। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने भी मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने पर असंतोष जताया है।