भारत के हर कोने में कोरोना से हो रही मौतों के सही आँकड़े छिपाये जाने के आरोपों के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य की शिवराज सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि कोरोना की दूसरी लहर में मार्च और अप्रैल महीनों में मध्य प्रदेश में कोरोना से 1 लाख से ज़्यादा लोग मारे गये हैं, लेकिन सरकार आँकड़े छिपा रही है। उन्होंने कहा कि यदि वे ग़लत हों तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मार्च और अप्रैल 21 में श्मशान घाट और कब्रिस्तान ले जाए गए शवों का अधिकारिक आँकड़ों का पूरा ब्यौरा जारी कर दें।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब हुए थे। उन्होंने कहा, ‘प्रदेश के हरेक ज़िले, कस्बों और गाँवों में कोरोना की दूसरी लहर में मार्च एवं अप्रैल महीने में ले जाए गए शवों के आँकड़े उन्होंने एकत्र कराये हैं।’
इन आँकड़ों के अनुसार सिर्फ़ मार्च और अप्रैल महीने में प्रदेश के श्मशान घाट और कब्रिस्तानों में 1 लाख 27 हज़ार 503 शव पहुँचे हैं। इनमें 80 प्रतिशत शव कोरोना से मारे गये लोगों के रहे हैं। इस हिसाब से कुल 1 लाख 2 हज़ार 2 लोगों की मौतें कोरोना से हुई हैं।
कमलनाथ ने कहा, मध्य प्रदेश में दो महीनों में मौतों के आँकड़ों से साफ़ है कि जब अकेले हमारे राज्य में ऐसा हो रहा है तो देश भर में मौतों का सही आँकड़ा क्या होगा?
कमलनाथ ने कहा कि “मौतों के आँकड़े छिपाने की वजह से भारत का नाम पूरी दुनिया में बदनाम हो रहा है। उसे कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। मेरा भारत महान नारे का अंतर्राष्ट्रीय मीडिया उपहास उड़ा रहा है। हमारे देश को ‘कोविड भारत’ जैसी संज्ञा दी जा रही है।”
कमलनाथ ने कहा, ‘मध्य प्रदेश सरकार इच्छा शक्ति दिखाये तो मौत का सच और सही आँकड़े एक दिन में सामने आ जायेंगे। सरकार को इतना भर करना होगा कि पूरे प्रदेश में मार्च और अप्रैल महीने में पहुँचे शवों की गिनती करवा ले। प्रदेश स्तर की एक वेबसाइट बनवाकर आँकड़ों को आसानी से इकट्ठा किया जा सकता है।’
कमलनाथ ने दावा किया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को हर मुलाक़ात में उन्होंने हक़ीक़त से रूबरू कराया और मौतों के सही आँकड़े एकत्र कराने का मशविरा दिया, लेकिन सीएम ने दिलचस्पी नहीं दिखलाई।
मीडिया को रिपोर्टिंग की चुनौती
कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के मीडिया को सचाई का पता लगाने के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी दिया। उन्होंने कहा कि पाँच-पाँच पत्रकार अपने नाम दे दें, हर दिन वे प्रदेश में जहाँ भी जाना चाहेंगे मैं मीडिया के लोगों को हेलीकॉप्टर उपलब्ध करा दूँगा। उन्होंने कहा कि शर्त इतनी होगी कि जो भी मीडिया वाला सचाई को जानने के लिये जाये, मौक़े पर मिलने वाली जानकारी को अपने समाचार पत्र में छापे और चैनल में पूरी ईमानदारी से दिखाए भी।
कमलनाथ ने देश भर के मीडिया को सच न दिखाने के लिए कठघरे में खड़ा करते हुए कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो काम भारत के मीडिया को करना था, वह काम इंटरनेशनल मीडिया को करना पड़ रहा है।’
विधानसभा सत्र बुलाने की मांग
सवालों के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कोरोना से मौतों का सच, बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं, जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाज़ारी और कोरोना एवं ब्लैक फंगस से बने तमाम प्रतिकूल हालातों पर चर्चा के लिए विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग सरकार से करेंगे। उन्होंने कहा, ‘पूरे हालातों को लेकर पहले अपने दल के विधायकों से वह चर्चा करेंगे और इसके बाद विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘वे सरकार से मांग करेंगे कि दो दिनों का विशेष सत्र कोविड प्रोटोकॉल के तहत बुला लिया जाए।
‘राज्यों पर ज़िम्मेदारी डाल रही मोदी सरकार’
कमलनाथ ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी तबाही और मौतों से अपना पल्ला झाड़ने की तैयारी मोदी सरकार कर रही है। ठीकरा राज्य की सरकारों के सिर फोड़ने संबंधी कागज भी केन्द्र में तैयार हो रहे हैं। यह बताने की तैयारी हो रही है कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है, ना कि केन्द्र का। उन्होंने कहा,
‘मोदी सरकार बच नहीं पाएगी। वह शायद भूल रही है कि 2020 में डिजास्टर मैनेजमेंट और इन्फेक्शस डिजीज एक्ट वह लेकर आयी थी। दोनों एक्ट लाकर राज्य के स्वास्थ्य के अधिकार को मोदी सरकार ने अपने हाथों में ले लिया, लेकिन राज्यों में कोरोना से बचाव की माकूल व्यवस्थाएँ नहीं कीं।’
देशद्रोही हैं कमलनाथ, मुकदमा दर्ज हो: बीजेपी
कमलनाथ के एक लाख से ज़्यादा मौतों के दावे के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने कमलनाथ को देशद्रोही बता डाला। मीडिया के घेरने पर उन्होंने कहा, ‘केन्द्र में मंत्री और मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ का रवैया बेहद ग़ैर ज़िम्मेदाराना है। भारत को इंडिया कोविड बताकर वे देशद्रोही ताक़तों के साथ जाकर खड़े हो गये हैं। देश को बदनाम कर रहे हैं। कमलनाथ के ख़िलाफ़ देशद्रोह के तहत मुक़दमा कायम होना चाहिए।’
उधर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कमलनाथ पर मिथ्या आँकड़े पेश कर भ्रम फैलाने और राज्य की सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया। मिश्रा ने कहा, ‘मिथ्या आंकड़े पेश कर नाथ ने दहशत भी फैलाई है। यदि वे अपने दिये आँकड़ों को साबित कर देंगे तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूँगा।’
‘छिन्दवाड़ा के गॉंव में 15 मरे, डीएम ने दो बताए’
कमलनाथ ने कहा कि पिछले 10 दिन में छिन्दवाड़ा के लिंघा गांव में 15 लोग मर गये। लेकिन कलेक्टर कह रहे हैं कि इस गाँव में केवल दो लोग ही मरे। ये तो मैं अपनी आँखों से देखकर एवं कानों से सुनकर आ रहा हूँ। यही हालत मध्य प्रदेश के सारे गांवों में है। उन्होंने राज्य में महामारी से मरने वालों के लिए अनुग्रह राशि एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की मांग भी की।