गोडसे 'समर्थक' की एंट्री पर कांग्रेस में घमासान

01:04 pm Feb 26, 2021 | संजीव श्रीवास्तव - सत्य हिन्दी

पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा नाथूराम गोडसे समर्थक हिन्दू महासभा के एक पार्षद को कांग्रेस में प्रवेश देने पर बवाल मचा है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पीसीसी के तत्कालीन अध्यक्ष अरुण यादव ने इस ‘एंट्री’ पर अफसोस जताते हुए ट्वीट कर कहा है, ‘बापू हम शर्मिन्दा हैं।’

ग्वालियर नगर निगम के वार्ड 44 से पार्षद बाबूलाल चौरसिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस में प्रवेश दिया गया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और एमपीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ की अगुवाई में यह सब हुआ। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव को चौरसिया की कांग्रेस में एंट्री बेहद नागवार गुजरी है। उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी नाराज़गी जताई है। 

अरुण यादव ने अपनी यह टिप्पणी कांग्रेस के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के साथ ही राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, दिग्विजय सिंह को टैग भी किया है।

कौन हैं बाबूलाल चौरसिया?

बाबूलाल चौरसिया पुराने कांग्रेसी हैं। स्थानीय निकाय के 2014 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस से टिकट मांगा था। टिकट नहीं मिला था। बाद में वे बागी हो गए थे। हिन्दू महासभा ज्वाइन करने के बाद इसी के झंडे तले चुनाव लड़ लिया था। जीत गये थे।

बाबूलाल चौरसिया इसके बाद कई बार सुर्खियों में रहे। ग्वालियर के जिस 44 नंबर वार्ड से वह चुनाव जीते उसमें नाथूराम गोडसे का मंदिर है। देश भर में यह अकेला ऐसा क्षेत्र है, जहाँ गोडसे का मंदिर है। हिन्दू महासभा ने इस मंदिर को बनवाया है। मंदिर 2017 में बनकर तैयार हुआ है। गोडसे के मंदिर में समय-समय पर हिन्दू महासभा अनेक तरह के आयोजन करता रहा है। ग्वालियर में गोडसे की भक्ति अनेक बार देश के मीडिया में सुर्खियाँ बनी है। 

अब चौरसिया का सुर बदला!

मध्य प्रदेश कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही बाबूलाल चौरसिया का सुर अब बदल गया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा है, ‘मुझे धोखे में रखकर गोडसे की मूर्ति पर जल चढ़वाया गया था। पूजा करवाई गई थी। मुझे नहीं पता था कि वो मूर्ति गोडसे की थी। बाद में पता चला कि गोडसे का मंदिर बना रहे हैं।’

चौरसिया ने यह भी कहा,

‘मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं। पिछले दो-तीन साल से मैं इनके इस तरह के कार्यक्रम से दूरी बनाकर चल रहा था। मेरे मन में हिन्दू महासभा की विचारधारा समाहित नहीं हो सकी। जब मुझे लगा कि ग़लत लोगों के साथ हूँ, उनकी कार्यशैली मुझे पसंद नहीं आ रही थी इसीलिए मैंने हिंदू महासभा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया।’ 

हिन्दू महासभा का पलटवार

हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने बाबूलाल चौरसिया पर पलटवार किया। सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा, ‘क्या बाबूलाल बच्चे हैं? जो धोखे में थे। हर कार्यक्रम में भगवा टोपी पहनकर घूमते-फिरते थे।’

जयवीर भारद्वाज ने दावा किया कि-‘गोडसे का मंदिर बनाने की पूरी प्लानिंग बाबूलाल चौरसिया के सामने हुई। उसमें उनकी पूरी भागीदारी थी। बाबूलाल ने स्टाम्प पेपर पर यह शपथ ली है कि वे आजीवन हिंदू महासभा के सदस्य रहेंगे।’

नरोत्तम मिश्रा ने ली कांग्रेस की चुटकी

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले पर कांग्रेस की जमकर चुटकी ली। मीडिया के सवालों के जवाब में मिश्रा ने कहा, ‘गोडसे के पुजारी के कांग्रेस ज्वाइन करने से इस पार्टी का दोहरा चरित्र पता चलता है। तथाकथित गांधी परिवार और कांग्रेस का राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सिद्धांतों से कोई सरोकार नहीं रह गया है। अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी उनके लिए सिर्फ़ वोटों के लिए रह गए हैं। कांग्रेस ने सरदार पटेल और डॉक्टर आंबेडकर के नाम का इस्तेमाल भी सिर्फ़ वोटों के लिए किया है।’

अप्रैल में हैं स्थानीय निकाय के चुनाव

मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय के चुनाव अप्रैल में संभावित हैं। राज्य निर्वाचन आयोग तैयारियों में जुटा है। मार्च में चुनाव की तारीख़ों की घोषणा संभावित है। चुनाव के मद्देनज़र तमाम राजनीतिक दल रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।

बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में वापसी को चुनावी गुणाभाग से जोड़कर देखा जा रहा है।