कई सालों की तनातनी और दोतरफा रिश्तों में आई तल्ख़ी के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार के आसार एक बार फिर दिख रहे हैं। इसके संकेत इससे मिलते हैं कि पाकिस्तान भारत से कपास, यार्न यानी धागे और चीनी खरीदने पर राजी हो गया है। बुधवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक में भारत से ये उत्पाद आयात करने पर लगी रोक हटा ली गई।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेन्सी 'रॉयटर्स' ने यह जानकारी दी है।
पाकिस्तान के मशहूर और प्रतिष्ठित अंग्रेज़ी अखबार 'द डॉन' के अनुसार, आर्थिक समन्वय समिति की बुधवार को हुई बैठक के बाद वित्त मंत्री हम्माद अज़हर ने कहा है कि भारत से पाँच लाख टन सफेद चीनी आयात करने की अनुमति निजी कंपनियों को दी गई है।
इसके पहले कपड़ा मंत्रालय ने इस समिति से कहा था कि कच्चे माल की कमी होने से उद्योग पर बुरा असर पड़ रहा है, लिहाजा कपास और धागे का आयात भारत से करने की छूट मिलनी चाहिए।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि ट्रेडिंग कॉरपोरशन ऑफ़ पाकिस्तान के जरिए निजी कंपनियों को भारत से चीनी आयात करने की इजाज़त मिलनी चाहिए।
दो साल से ठप था दोतरफा व्यापार
भारत में 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 ख़त्म करने के विरोध में पाकिस्तान ने 9 अगस्त 2019 को नीचले स्तर पर कर दिया था और आंशिक प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से होने वाले आयात पर 200 प्रतिशत का आयात कर लगा दिया था। यह जाहिर हो गया था कि इस बोझ के बाद कोई पाकिस्तानी उत्पाद भारतीय बाज़ार नहीं पहुच सकेगा।
नतीजा यह हुआ कि भारत-पाकिस्तान व्यापार बिल्कुल ठप हो गया।
पाकिस्तान ने मई 2020 में भारत से दवा और उसके लिए कच्चे माल के आयात की अनुमति दी थी। वह कोरोना काल था। इसे व्यापारिक रिश्तों में सुधार की शुरुआत माना जा सकता है।
सुधर रहे हैं दोतरफा रिश्ते!
भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापारिक ही नहीं, दूसरे मुद्दों पर भी रिश्तों में सुधार होने के संकेत मिलने लगे हैं। नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान को चिट्ठी लिख कर पाकिस्तान दिवस की शुभकामनाएं दी थीं और कहा था कि पड़ोसी देश होने के नाते भारत पाकिस्तान के लोगों से अच्छे संबंध चाहता है और इसके लिए आतंक और दुश्मनी से रहित माहौल बेहद ज़रूरी है। इमरान और पाकिस्तान के लोगों को कोरोना महामारी से पैदा हुई चुनौतियों से लड़ने के लिए भी मोदी ने शुभकामनाएं दी थीं।
इसके बाद बीते दिनों इमरान ख़ान ने मोदी को उसका जवाब देते हुए बेहतर रिश्तों पर जोर दिया था। लेकिन वे उसमे जम्मू-कश्मीर की चर्चा करना नहीं भूले थे।
भारत पाकिस्तान में रिश्ते सुधारने पर कोई गोपनीय बातचीत चल रही है, यह तो अब पूरी तरह साफ हो गया है।
सीमा पर शांति
दोनों देशों के बेहतर हो रहे संबंधों की ख़बरों को तब चर्चा मिली थी दोनों देश नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति बहाली और पुराने समझौतों पर अमल करने के लिए राजी हो गए थे। इसके अलावा भारत ने इमरान ख़ान के विशेष विमान को भारत के एयरस्पेस का इस्तेमाल करने की इजाज़त दे दी थी और जम्मू-कश्मीर की सीमाओं पर सीज़ फ़ायर के उल्लंघन की घटनाएं कम होने लगी थीं।
पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म इमरान ख़ान और आर्मी चीफ़ क़मर जावेद बाजवा ने भी दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों की हिमायत की है। हालांकि दोनों ने ही इसके लिए कश्मीर के मुद्दे को अहमियत दी है लेकिन फिर भी यह पहल अहम है।
यूएई की मध्यस्थता में बातचीत?
अंतरराष्ट्रीय समाचार संस्था 'ब्लूमबर्ग' के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात का शीर्ष नेतृत्व दोनों देशों के लोगों से लगातार संपर्क में है और दोनों पक्षों से बात कर रहा है। इसका यह भी कहना है कि अबू धाबी ने भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच बात भी करवाई है। यह कहा जा सकता है कि यूएई एक तरह से मध्यस्थता कर रहा है।
'ब्लूमबर्ग' का दावा है कि 25 फ़रवरी को संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन ज़याद ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को फ़ोन किया और उनसे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया।