कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से तबाह भारतीय अर्थव्यवस्था के बहुत जल्द सुधरने ही नहीं, बल्कि तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने संभावना जताई है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्तीय वर्ष 2021-22 में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज कर सकती है।
'वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट'
आईएमएफ़ ने मंगलवार को प्रकाशित अपनी 'वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट' में कहा है कि भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अकेली होगी, जिसकी आर्थिक विकास दर दहाई अंक में जा सकती है। इस दौरान चीन 8.1 प्रतिशत, स्पेन 5.9 प्रतिशत और फ्रांस 5.5 प्रतिशत की विकास दर हासिल कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोरोना की वजह से 2020 में -8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की थी। चीन और वियतनाम ही ऐसे देश थे, जिनकी वृद्धि दर इस दौरान सकारात्मक यानी शून्य से ऊपर रही। चीन ने 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की थी।
पहले से कम
आईएमएफ़ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में आउटलुक अपडेट जारी करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अधिक तेज़ हो सकती है, पर यह कुल मिला कर 2022 में कोरोना काल के पहले के अनुमान से नौ प्रतिशत कम होगी।
आईएमएफ़ की मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर आती नहीं दिख रही है और यहाँ आर्थिक गतिविधियाँ तेज़ी से पटरी पर लौट रही हैं, इस कारण यहाँ विकास दर तेज़ होने की संभावना है।
कोरोना की दूसरी लहर नहीं
आईएमएफ़ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि इस देश ने ठोस कदम उठाए हैं, जिस वजह से यहां विकास गति भी तेज है।
उन्होंने कहा कि इतने बड़े देश में बेहद नाटकीय अंदाज में लॉकडाउन लगाया गया और उसके बाद प्रतिबंधों का एलान किया गया।
आईएमएफ़ प्रमुख ने भारत की मुद्रा नीति की तारीफ़ करते हुए कहा कि इसकी विकास दर उभरते हुए देशों की दर के औसत से थोड़ा बेहतर है।
पहले क्या कहा था आईएमएफ़ ने?
इसके पहले अक्टूबर महीने में आईएमएफ़ ने भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में जो अनुमान लगाया था, वह सही निकला।
आईएमएफ़ ने अपने अनुमान में कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था और ज़्यादा सिकुड़ेगी। इसका अनुमान थ् कि मार्च 2021 में ख़त्म होने वाले इस वित्त वर्ष में जीडीपी 10.3 फ़ीसदी सिकुड़ जाएगी। इसने पहले जून में 4.5 फ़ीसदी तक सिकुड़ने का अनुमान लगाया था।
दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के अनुमानों में इस तरह की गिरावट कभी नहीं रही जहाँ 5.8 पर्सेंटेज प्वाइंट कम करना पड़ा हो। जबकि चीन के बारे में स्थिति अलग है।
आईएमएफ़ का अनुमान है कि उसकी जीडीपी विकास दर सकारात्मक रहेगी। इसने चीन के लिए जून में जहाँ जीडीपी विकास दर 1 फ़ीसदी रहने का अनुमान लगाया था वहीं अब इसने बढ़ाकर इसे 1.9 फ़ीसदी कर दिया है।